बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

आक्रामक बीजेपी क्या नीतीश को कर पाएगी फैसले के लिए मजबूर?

159

पटना Live डेस्क.  कुछ दिनों की शांति के बाद अगले कुछ दिन बिहार की राजनीति के लिए अहम हैं. खासकर सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दो दलों आरजेडी और जेडीयू के बीच तल्खी और बढ़ सकती है. इसका कारण है विधानसभा का आगामी मॉनसून सत्र जो 28 जुलाई से शुरु होने जा रहा है. मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस सत्र की तैयारी शुरु कर दी है और यह एलान कर दिया है कि तेजस्वी यादव के मामले को लेकर वो नीतीश सरकार पर जमकर हमला करेगी. बीजेपी ने यह कहा है कि वो इस मामले को लेकर सदन की बैठक को सुचारू रुप से चलने नहीं देगी. सीएम नीतीश कुमार के लिए यह घड़ी किसी परीक्षा से कम नहीं है. जेडीयू की तमाम कोशिशों के बाद भी यह मामला सुलटता दिखाई नहीं दे रहा है. राजद तेजस्वी यादव के इस्तीफे से साफ इनकार कर चुका है जबकि जेडीयू भ्रष्टाचार के मामले पर नीतीश कुमार की छवि की दुहाई दे रहा है. इस बीच दोनों दलों के नेताओं ने भी एक दूसरे पर जमकर आरोपों की बौछार की है. ऐसे में तेजस्वी यादव को लेकर सत्ताधारी दोनों दलों के बीच ही आपसी तल्खी और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. दोनों खेमा अपने-अपने स्टैंड पर अड़ा है. बड़े नेता चुप हैं. संवादहीनता से दरार बढ़ रही है. बीच का रास्ता नजर नहीं आ रहा.
राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता ने भी अपनी ही सरकार के मुखिया पर गंभीर आरोप मढ़ा है. वह पहले से भी चुप नहीं थे, किंतु सोमवार का उनका बयान तुलनात्मक रूप से ज्यादा तल्ख है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने रघुवंश सिंह के इस बयान को विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताया है. जदयू के एक और प्रवक्ता संजय सिंह ने रघुवंश को राजनीतिक बेरोजगार एवं मानसिक रूप से बीमार करार दिया है. केंद्रीय एजेंसियों के घेरे की कानूनी काट तलाशने के लिए पिछले पांच दिनों से दिल्ली में जमे तेजस्वी यादव भी सत्र से पहले पटना लौट आएंगे. उनके आने के बाद जदयू प्रवक्ताओं के हमले और तेज हो सकते हैं. गांधी मैदान की रैली में तथ्यात्मक सफाई देने पर अड़े राजद की दुविधा को जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह कहकर बढ़ा दिया है कि इतना लंबा इंतजार नहीं किया जा सकता.

Comments are closed.