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BIG NEWS -एक किलो सोना डकारने के आरोप सही,दोनो आरोपी थानेदारों की गिरफ्तारी का आदेश जारी, तात्कालिक बेगूसराय SP भी पाये गए शामिल

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पटना Live डेस्क। बेगूसराय के अपनी पदस्थापना के
29 लाख का सोना डकारने वाले बेगूसराय के दो थानेदारों पर शिकंजा करने वाला है। उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी हो गया है। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय के तत्कालीन एसपी रंजीत मिश्रा ने अपनी जांच में दोनों थानेदारों को निर्दोष बताया था। रंजित मिश्रा के तबादले के बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर वर्तमान एसपी आदित्य कुमार ने जब दोबारा मामले की जांच की तो थानेदार ललित कुमार और रंजीत रंजन की इस कांड में संलिप्तता का पुख्ता खुलासा हुआ। तो दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया।बता दें कि उक्त दोनों थानेदार बेगूसराय मुफ्फसिल थाना केस नंबर-26/17 के नामजद आरोपी है।

क्या है मामला

यह केस बेगूसराय के हीरा लाल चौक स्थित अमित गोल्ड कंपनी के मालिक अमित कुमार ने दर्ज कराया था।आरोप लगाया गया था कि वादी के स्टाफ पीयूष कुमार और उत्तम कुमार से दोनों थानेदारों ने एक किलो सोने की ईंट वर्दी का रौब दिखा कर जबरन ले लिया और दोनों को गिरफ्तार कर सिंघौल थाने ले गए। बाद में पुन: फुलवड़िया थाना ले जाकर दोनों को छोड़ दिया।एक किलो सोना थानेदारों ने अपने पास रख लिया।तत्कालीन एसपी ने जांच में केस को सत्य पाया,लेकिन दोनों नामजद आरोपी थानेदारों की संलिप्तता होने से इनकार किया।सीआईडी एडीजी के निर्देश पर केस के अनुसंधान में हुई प्रगति की जोनल आईजी ने समीक्षा की।जिसमें दोनों आरोपी थानेदारों का घटना के दौरान मोबाइल टावर का लोकेशन घटनास्थल पर पाया गया है। पर हालांकि संलिप्तता के मुद्दे पर अग्रतर अनुसंधान के बाद निर्णय लेना श्रेयकर बताया।जांच में केस के अप्राथमिकी आरोपी राकेश कुमार उर्फ फकिरा, ग्राम बीहट, बरौनी, बिट्‌टू सिंह, रामदीरी, मटिहानी और अन्य पर केस सत्य पाया गया है।सोना के मामले में दुकानदार अमित कुमार ने सीआईडी के एसपी को पत्राचार कर यह आरोप लगाया कि पूर्व एसपी रंजीत मिश्रा अपने सहयोगी थानेदारों के साथ मिलकर षड़यंत्र के तहत सोना लूटा है।पुलिस महकमा में यह हल्ला है कि सोना पूर्व एस पी रंजीत मिश्रा लेकर चले गए हैं।असली की जगह नकली सोना बनाकर ट्रेजरी में जमा कर दिया गया था, जो जांच में नकली भी पाया गया है।वादी ने आरोप लगाया है कि 26 दिसंबर 2016 की सुबह साढ़े छह बजे मेरा स्टाफ पीयूष कुमार सिंघौल के स्वर्ण व्यवसायी बिट्टू सिंह के यहां एक किलो सोना लाने गया था। मौके पर सिंघौल सहायक थाना के दारोगा छापेमारी कर पिस्तौल का भय दिखाकर बिट्टू के घर पर से सोना ले लिया और मेरे स्टाफ पीयूष को हाजत में बंद कर दिया।इसके बदले में पीयूष समेत सोना को मुक्त करने के लिए तीस से चालीस लाख रुपये की मांग की। पर बाद में पीयूष को तो मुक्त कर दिया परंतु सोना नहीं लौटाया।

बरामद सोना भी निकला नकली

एक किलो सोना गायब मामले में दो थानेदारों पर प्राथमिकी के कुछ घंटे के अंदर ही पुलिस ने सोना बरामद करने का दावा किया था। तत्कालीन एसपी रंजीत कुमार मिश्रा की मानें तो मटिहानी थाना क्षेत्र के रामदीरी नकटी टोला निवासी पीयूष कुमार के घर पर पुलिस ने छापेमारी कर एक किलो सोना और 40 हजार रुपए नकद बरामद किये थे।
उस समय एसपी ने बताया था कि 26 दिसंबर को सिंघौल में स्वर्ण व्यवसायी अमित कुमार का जब्त सोना के मामले की जांच की जा रही थी। इसमें व्यवसायी के स्टाफ रामदीरी निवासी पीयूष कुमार पर शक जा रहा था। एसपी ने बताया था कि पीयूष ने एक किलो सोना अपने घर में छुपाकर रखा था। छापेमारी के क्रम में पीयूष की मां फुलकुमारी देवी के बिछावन के नीचे से गायब सोना बरामद किया गया था।छापेमारी के वक्त घर में पीयूष की मां ही थी।बरामद सोना को सीजेएम के यहां प्रदर्श के लिए भेज दिया गया था। लेकिन बाद में पुलिस द्वारा बरामद किया गया सोना नकली निकल गया था।निलंबन के कुछ दिनों बाद दी पोस्टिंग                 सोना गबन के मामले में रंजीत मिश्रा ने जिन दो थानेदार को निलंबित किया, उन्हें कुछ दिनों के बाद निलंबन मुक्त करते हुए उसी थाने में कर दी पोस्टिंग कर दी। इसके लिए ना तो डीआईजी से आदेश ना लिया आई जी से।ससुर थे बिहार के डीजीपी

घटना के वक्त एसपी के ससुर बिहार के डीजीपी पी के ठाकुर थे।नए एसपी आदित्य कुमार ने पुलिस मुख्यालय के आदेश पर फिर से इस मामले की जांच की। जिसमें दोनों थानेदार को दोषी माना गया और थानेदार की गिरफ्तारी का आदेश एसपी ने निकाला।नए डीआईजी जितेंद्र मिश्रा से इस मामले में अनुमोदन प्राप्त किया गया और दोनों थाना प्रभारी का गिरफ्तारी का आदेश निकाला गया उसके बाद बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से लेकर कई आईएएस आईपीएस अधिकारियों में यह मामला पूरी तरह सुर्खियों में आ गया है।

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