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क्या कल कैबिनेट की बैठक में तय हो जाएगा सरकार का भविष्य?

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पटना Live डेस्क. बिहार सरकार के कैबिनेट की अहम बैठक बुधवार को होने वाली है और इस बैठक पर सभी लोगों की नजरें टिकी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि बुधवार को होने वाली इस बैठक में नीतीश कुमार सरकार के मंत्री तेजस्वी यादव पर कोई ठोस फैसला ले सकते हैं. इसके पीछे तर्क यह है कि 28 जुलाई से बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरु होने जा रहा है और विपक्षी पार्टी बीजेपी ने यह एलान कर दिया है कि अगर नीतीश कुमार इस मसले पर कोई ठोस फैसला नहीं लेते हैं तो वो इस सत्र को ठीक से चलने नहीं देंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल नव निर्वाचित राष्ट्रपति रामनकाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए हुए हैं और आशा की जाती है कि वो आज शाम तक दिल्ली से पटना पहुंच जाएंगे.

वैसे तो आम तौर पर कैबिनेट की मीटिंग मंगलवार को बुलाई जाती है लेकिन इस बार नीतीश कुमार के दिल्ली प्रवास के चलते इसे एक दिन बढ़ाकर बुधवार को कर दिया गया है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जिस दौर से बिहार की राजनीति गुजर रही है उसमें फैसले की घड़ी नजदीक दिख रही है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जहां जेडीयू अपने स्टैंड पर कायम है वहीं राजद ने भी तेजस्वी के इस्तीफे की बात से साफ इनकार कर दिया है. दोनों पार्टियों के अपने-अपने स्टैंड पर कायम रहने के चलते महागठबंधन सरकार में शामिल दलों के बीच दरार काफी बढ़ गई है. राजद और जेडीयू के बीच बढ़ रही तल्खी के बीच कांग्रेस भी खुश नहीं है. हालांकि कांग्रेस ने दोनों पार्टियों के बीच सुलह कराने को लेकर मध्यस्थता भी की लेकिन उसका कुछ ठोस परिणाम नहीं निकल सका. महागठबंधन में सबकुछ ठीक हो जाए इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात भी की थी,जिसमें नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से कहा था कि राजद नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक ठोस निर्णय लें. लेकिन उसका कोई परिणाम निकलता नहीं दिख रहा है. जेडीयू नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी ठीक नहीं है,उसने मध्यस्थता की है लेकिन तेजस्वी के इस्तीफे पर अपनी स्पष्ट राय नहीं रखी है. गठबंधन में सबकी अपनी नीति होती है और सबके अपने उसूल होते हैं. भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश कुमार की शुरु से ही अपनी नीति रही है और वो इसको लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे.

अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार अपने सिद्धांतों से समझौता करेंगे? जेडीयू नेताओं के मुताबिक ऐसा संभव नहीं है. तो क्या राजद तेजस्वी को इस्तीफा देने के लिए राजी करेगी. राजद के नेताओं के रुख देखने के बाद तो ऐसा नहीं लगता. इस बीच जदयू प्रवक्ता संजय सिंह के बयान को गंभीरता से देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि, “जिस क्षण का आप सभी इंतजार कर रहे हैं, वह जल्द ही आ जाएगा।”

यहां दो संभावनाएं हो सकती हैं, पहला कि, नीतीश तेजस्वी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें जैसे उन्होंने भाजपा मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था? ऐसे में सवाल यह है कि क्या उसके बाद राजद का समर्थन जारी रहेगा?

दूसरा, नीतीश खुद का इस्तीफा देकर एक नई मिसाल पेश कर सकते हैं? नीतीश को प्रतिकूल परिस्थितियों में  इस्तीफा देने के लिए भी जाना जाता है. इन दोनों संभावनाओं पर बिहार की राजनीति किस करवट बैठती है वो शायद कल की बैठक में तय हो जाएगा।

 

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