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बोले नीतीश जेडीयू प्रमुख के नाते नहीं बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर मिला पीएम मोदी से

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पटना Live डेस्क। सोनिया गांधी के निमत्रण को नकार कर विपक्षी दलों की बैठक से गैर मौजूद रहने के एक दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बढ़ती नजदीकी की सियासी चर्चा के बीच आज उनसे मुलाकात की। हालांकि,जेडीयू अध्यक्ष ने इस तरह के किसी सुझाव को खारिज किया और कहा कि बैठक के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है। उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच यह सामान्य संवाद था।

                 वही इस मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा,‘‘मैं उनसे जेडीयू प्रमुख के नाते नहीं राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर मिला। यह राजनीतिक बैठक नहीं थी। मीडिया इसमें इतना कुछ क्यों देख रहा है।’’ अपने सहयोगी,आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कथित आरोपों के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया।उन्होंने कहा कि आरोप और प्रत्यारोप हैं और वह केवल ‘‘तथ्यों’’ पर जवाब देंगे।
नीतीश ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और यह तय हो गया था कि पूर्व जेडीयू प्रमुख शरद यादव उनके द्वारा आयोजित दोपहर भोज में जाएंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के लिए भोज का आयोजन किया था।


साथ ही अपने बातों को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बिहार का मॉरिशस के साथ भावनात्मक जुड़ाव है क्योंकि वहां की आधी आबादी बिहारी मूल की है। प्रधानमंत्री ने मुझे राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते भोज के लिए बुलाया और मैंने इसे स्वीकार करने का फैसला किया। ’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बिहार में गंगा से गाद निकालने की जरूरत की जानकारी उन्हें दी और 10 जून के पहले विशेषज्ञों की एक टीम राज्य भेजने का अनुरोध किया। नदी के तराई वाले इलाके में जलस्तर बढ़ने से मानसून के दौरान कई इलाकों में बाढ़ आ जाती है। वही गर्मी के दौरान पानी नहीं रहने से यह सूखा रहता है।
नीतीश कुमार ने कहा, “राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है।” शुक्रवार को विपक्ष की बैठक के दौरान उनकी गैरमौजूदगी के बारे में पूछे गए सवाल में कुमार ने कहा, “दोनों के बीच क्या संबंध है? मैंने सोनिया गांधी से पहले ही 20 अप्रैल को मुलाकात की थी।” उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही फैसला किया था कि उस बैठक में शरद जी जाएंगे। आज का आमंत्रण बिहार के मुख्यमंत्री के लिए था।” मुख्यमंत्री ने कहा, “दोनों में तुलना करना हालात को गलत तरीके से पेश करना है।”
नीतीश ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि मॉनसून आने से पहले वह राज्य में बाढ़ के हालात के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों का एक दल भेजें।उन्होंने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है। नीतीश ने कहा, “हमारे पास जनता का जनादेश है, हम बिहार में महागठबंधन में हैं। राज्य के मुद्दों को केंद्र के समक्ष उठाना हमारा कर्तव्य है।”

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