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BiG News – राष्ट्रीय पुलिस दिवस पर खाकी वालो की शहादत को किया गया याद, डीजीपी बोले – शहीद हुये बहादुर दारोगा आशीष कुमार की वीर गाथा को बच्चों के बीच रखें

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पटना Live डेस्क। मुल्क की आंतरिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती हैं। इसमें खाकी का कर्तव्य और दायित्व बेहद अहम होता हैं।पुलिस के बदौलत ही देश में सुरक्षित समाज और शांति-व्यवस्था कायम होती हैं। तब जाकर हम विकास के मंजिल तय कर पाते हैं। उक्त बातें बिहार के डीजीपी के एस द्विवेदी ने पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर राजधानी स्थित बीएमपी-5 के परेड ग्राउंड में शहीद हुये बहादुर पुलिसकर्मीयों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा। डीजीपी ने बताया की बीते वर्ष 424 पुलिकर्मियो ने अमन-चैन,भाई-चारा एवं सामाजिक सहिष्णुता और समरसता बनाएं रखने खातिर अपने प्राणों की आहुति दी हैं। इसमें बिहार के 10 पुलिसकर्मी हैं।शहीद होने वाले बहादुर पुलिसकर्मी में दारोगा-राम लखन प्रसाद, हवलदार विजय चौधरी ,नसीमुद्दीन खां, राम इकबाल रवीदास, अनिल कुमार ,सिपाही फरमान अंसारी ,मुन्ना चौधरी ,आकाश कुमार ,विश्व मोहन शर्मा एवं दिनेश कुमार सिन्हा शामिल हैं ।

शहादत को सलाम                    बिहार राज्य की सुरक्षा और शांति -व्यवस्था स्थापित करने में 10 पुलिसकर्मीयों की दी गयी प्राणों की आहुति को संस्मरण करते हुये बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी ,डीजी होमगार्ड-गुप्तेश्वर पांडे ,डीजी-सुनील कुमार पुलिस मुख्यालय,एडीजी-एस के सिंघल,एडीजी, सीआईडी -विनय कुमार ,एडीजी आर्थिक अपराध-जीएस गैंगवार, एडीजी विधि- व्यवस्था आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक पटना – नैय्यर हसनैन खां                 आईजी ऑपरेशन -कुंदन कृष्णन ,आईजी वायरलेश-मो रहमान ,डीआईजी -राजेश कुमार ,एसएसपी -मनु महाराज ,सीटी एसपी -डी अमरकेश सहित डीजी, एजीजी, आईजी ,डीआईजी ,एसएसपी ,एसपी ,कमांडेंट, डीएसपी स्तर के सैकड़ों पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांसुमन अर्पित कर अमर शहीद चिह्न पर माल्यार्पण किया ।

शहीद दारोगा आशीष कुमार के वीर गाथा सुनाएं

पुलिस जिला नवगछिया में हाल के बीते दिनों में कुख्यात अपराधियों से लोहा लेते हुये थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने अपने प्राण की आहुति दे दिया। शहीद हुये दारोगा आशीष कुमार के परिजनों ने डीजीपी के एस द्विवेदी ,उनके घर जाकर परिजनों से मिलें और उनके गांव सरोजा स्थित सरकारी स्कूल के बच्चों को वीर पुलिसकर्मी आशीष कुमार के वीर गाथा को सुनाएं। समाज की सुरक्षा में पुलिस तत्पर रहती हैं और पुलिस सेवा ,शान का प्रतीक हैं। डीजीपी ने युवाओं से अपील किया की पुलिस सेवा में बढ़-चढ़कर आएं और समाज की सुरक्षा में योगदान दें। डीजीपी ने बताया की पीएम ऑफ़िस से ऐसा निर्देश है की सभी वरीय पुलिस अधिकारी अपने -अपने क्षेत्र के शहीद परिजनों से मिलें और उनके वीर गाथा को स्कूली बच्चों के पास रखें ताकि उनके अंदर स्वाभिमान स्थापित हो।

चीन ने अचानक किया था हमला                      सन 1959 के 22 अक्टूबर को भारत-चीन बोर्डर पर लद्दाख के ब्रफली ऊंचाई के बीच हॉट स्प्रिंग्स नामक स्थल पर सीआरपीएफ के छोटी सी टुकड़ी पर चीनी अतिक्रमणकारियों ने अचानक हमला बोल दिया था। सीआरपीएफ के जवानों ने आखिरी सांस तक सीमा की सुरक्षा के लिए लोहा लेते रहें और दुश्मनों के मनसूबे पर पानी फेर दिया।इस दौरान सीआरपीएफ के 11 जवान शहीद हो गये। इनके गौरव गाथा के रूप में प्रतिवर्ष पुलिस संस्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता हैं ।

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