बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

समस्तीपुर: मनरेगा के तहत जहां मजदूरों को मिलना चाहिए रोजगार वहां मशीनों से करवाया जा काम,बेबस और लाचार मजदूरों की नहीं सुन रहा कोई

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अफरोज आलम/दीपक कुमार/समस्तीपुर

पटना Live डेस्क. मनरेगा..जिसका मकसद है गरीब मजदूरों को गारंटी के साथ रोजगार देना..लेकिन समस्तीपुर में मजदूरों को रोजगार देकर उन्हें दो जून की रोटी उपलब्ध कराने की योजना इस जिला में टांय-टांय फिस्स साबित हो रही है. ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत काम न देकर अधिकांश जगह मशीनों से काम पूरा किया जा रहा है. इससे मजदूरों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है. ताजा उदाहरण जिला के ताजपुर प्रखंड अंतर्गत गौशपुर सरसौना पंचायत के ददरी धनराज गांव स्थित श्मशान घाट में देखने को मिला. श्मशान घाट से जिस मिट्टी को मजदूरों द्वारा काटकर गांव में उंचीकरण का कार्य किया जाना था उसे जेसीबी मशीन एवं ट्रैक्टर के द्वारा करवाया जा रहा है. जब मजदूर इसका विरोध करते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है. जिन मजदूरों को वहां काम मिलना चाहिए वो मजदूर वहां खड़े होकर बेबस निगाहों से अपने हक की मांग करते रहते हैं जबकि उनका काम मशीन करता रहता है. इस संबंध में पंचायत के पूर्व मुखिया और भाजपा नेता सुरेश साह समेत घनश्याम गिरी, बबलू गिरी, चलित्तर झा, राधे श्याम सिंह, रामबाबू दास, महेश्वर सिंह, मोहन गिरी, महेश्वर प्रसाद साह, गणेश झा एवं राजदेव आदि ने बताया कि यह सरकार के नियमों के विपरीत हो रहा है.

इनलोगों ने बताया कि इस संबंध में स्थानीय प्रखंड के बीडीओ समेत मनेरगा योजना से जुड़े तमाम अधिकारियों के पास इसकी शिकायत की गयी. लेकिन किसी ने भी मजदूरों के हित में नहीं सोचा. मजदूरों की जगह मशीन से काम कराकर मजदूरों की रोटियां छिनी जा रही हैं. इनलोगों ने बताया कि अब इसकी शिकायत जिला के डीडीसी एवं जिलाधिकारी से भी आवेदन देकर की गयी है. इनलोगों ने बताया कि इसके बाद भी प्रशासन अगर इसमें चुप्पी साधे बैठी रही तो इस मुद्दे को लेकर चरणबद्ध आंदोलन भी चलाया जायेगा.

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