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लालजी टंडन बनाये गए बिहार के राज्यपाल, सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर भेजे गए

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पटना Live डेस्क। केंद्र सरकार ने 7 राज्‍यों में नए राज्‍यपालों की नियुक्ति की है या बदलाव किया है। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लालजी टंडन को बिहार का नया राज्‍यपाल बनाया गया है। सबसे अहम बदलाव जम्मू-कश्मीर में है जहां फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। वहां दस साल से राज्यपाल रहे एनएन वोहरा को हटा दिया गया है। उनकी जगह अब तक बिहार के राज्यपाल ले रहे हैं।सतपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है।
उत्तरप्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता लाल जी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को एन एन वोहरा की जगह जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। जबकि सत्यपाल मलिक की जगह सीनियर बीजेपी नेता लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है।                बिहार के पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्या हरियाणा के नए राज्यपाल होंगे। जबकि बेबी रानी मौर्या उत्तराखंड की नए राज्यपाल होंगी। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा भेजा गया। त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय को मेधालय भेजा गया। मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम भेजा गया।

लाल जी टंडन का परिचय

2009 में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति से दूर हुए और उनकी ऐतिहासिक लखनऊ लोकसभा सीट खाली हुई तो लालजी टंडन को ही बीजेपी ने उनका उत्तराधिकार सौंपा गया था। लालजी टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और वाजपेयी के करीबी माने जाते थे।

लालजी टंडन का जन्म लखनऊ में 12 अप्रैल 1935 को हुआ।1958 में उनका विवाह कृष्णा टंडन से हुआ।पढ़ाई वह स्नातक हैं।उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं।

सभासद से संसद और अब राजभवन का सफर तय करने वाले लालजी टंडन का 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बसपा गठबंधन की सरकार बनाने में भी अहम योगदान माना गया। बसपा सुप्रीमो मायावती को उन्होंने बहन माना और उनसे राखी भी बंधवाई।1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद सदस्य रहे। इस दौरान 1991-92 की यूपी सरकार में वह मंत्री रहे। इसके बाद वह 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1997 में में वह नगर विकास मंत्री रहे. यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।

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