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Super Exclusive (वीडियो) राज्यपाल से समाजसेवा खातिर सम्मानित निकला अवैध लॉटरी के धंधे का सबसे बड़ा खिलाड़ी, बतौर रोहतास एसपी मनु महाराज ने भेजा था जेल

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पटना Live डेस्क। बिहार सरकार ने लॉटरी,जुआ और सट्टे के धंधे को गैरकानूनी घोषित कर रखा है। लेकिन रोहतास के पुलिस कप्तान सत्यवीर सिंह को लगातार सूचना मिल रही थी कि जिले में अवैध रूप से बेहद बड़े पैमाने पर लॉटरी का गोरखधंधा संचालित किया जा रहा है। न केवल रोहतास में बल्कि कई राज्यो में भी लॉटरी का धंधा यहां से संचालित किया जा रहा है।लगातार मिल रही सूचना पर एसपी सत्यवीर सिंह के निर्देश पर एसडीपीओ अनवर जावेद ने डेहरी के बारह पत्थर और पड़ाव इलाके में छापेमारी कर अवैध लॉटरी कारोबार का पर्दाफाश करते हुए भारी मात्रा में लॉटरी टिकट तथा शराब बरामद किया। लेकिन इस छापेमारी में भी फिर एक बार कारोबार का किंगपिन समय रहते भाग निकलने में सफल रहा।
दरअसल, रोहतास पुलिस अधीक्षक ने एसडीपीओ डेहरी अनवर जावेद के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर छापेमारी का निर्देश दिया। मिले निर्देश पर अवैध लॉटरी कारोबारी के अड्डे और घर पर पुलिस ने छापेमारी की तो पुलिस को भारी मात्रा में अवैध लॉटरी के टिकटों के साथ ही गांजा,चिलम,ताश नगद रुपये के साथ ही शराब बरामद करने में सफलता मिली। इस पुलिसिया दबिश के बाद अवैध लॉटरी के कारोबारियों  में हड़कंप मच गया। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी पुलिस के हाथ न तो लॉटरी कारोबारी लगे ना ही लॉटरी खेलने वाले।                                   
इस बाबत एसपी सत्यवीर सिंह ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि डेहरी में अवैध रूप से लॉटरी का गोरखधंधा चल रहा है। पवन झुनझुनवाला नामक शख्स लॉटरी का संचालन करता है। लेकिन वह भागने में सफल रहा। इस सूचना पर कार्रवाई हुई और भारी संख्या में लाटरी के टिकट तथा शराब की बोतलें आदि बरामद किया गया।
सूत्रों की माने तो इस बेहद मोटी कमाई वाले अवैध कारोबार के धंधे में जुडा माफिया हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल रहता है। इस कारोबार का कनेक्शन दूसरे राज्यो से भी जुड़ा हुआ है। शहरी क्षेत्र में तो इनके एजेंट चलते फिरते अपना कारोबार करते रहते हैं।                                
इस बेहद बड़े खेल के पीछे जो असली किंगपिन है वह हमेशा पुलिस की दबिश से पहले निकल भागने में सफल रहता है। उसके बाबत बताया जाता है कि उसका संबंध सूबे के बेहद रसूखदार खादी और खाकी वालो से है। इन्ही संबंधों की वहज से समय रहते उसको सूचना मिल जाती है और हर बार पुलिस को चकमा देने में सफल रहता है।

कौन है पवन झुनझुनवाला                            सूबे की सरकार ने भले ही लॉटरी,जुआ और सट्टे के धंधे को गैरकानूनी घोषित कर रखा है। लेकिन रोहतास के अघोषित सट्टा किंग के तौर पर पवन झुनझुनवाला का नाम लिया जाता है।जानकारों का दावा है कि पवन डेहरी में बैठकर चार राज्यों में लॉटरी का धंधा चला रहा है। लॉटरी के अवैध धंधे में पवन झुनझुनवाला की कमाई का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है कि इसी वर्ष फरवरी के महीने में जब  अवैध लॉटरी कारोबार के अघोषित किंग ने अपनी शादी की 25वीं वर्षगाँठ मनाई तो महज आयोजन के नाम पर तकरीबन एक करोड़ रुपये पानी की तरह बहा दिये थे।
उक्त सामारोह में शहर से लेकर राजधानी पटना की कई बडी सियासी और प्रशासनिक हस्तियों के अलावे भी राज्य के बाहर के भी कई रसूखदारों ने शिरकत की थी।वही प्रशासनिक अमले के अधिकारियों की उपस्थिति दर्शा रही थी कि उसकी जड़े कितनी मजबूत और गहरी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि थाने से महज कुछ ही दूरी पर अवैध लॉटरी का गोरखधंधा चलते रहता है।लेकिन पर्दे के पीछे के असली खिलाड़ी क्यों नही पकड़ में आता है ?
हद तो देखिए कहा जाता है कि पवन झुनझुनवाला ने  डेहरी पड़ाव के पास कुछ जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। जिसमें कुछ बिहार सरकार के हैं तो कुछ सेना की ज़मीन है।शुक्रवार को डेहरी के उसी पड़ाव क्षेत्र में झुनझुनवाला के अड्डे पर एसपी रोहतास के निर्देश पर छापेमारी की गई।
विश्वश्त सूत्रों की माने तो पुलिस, प्रेस और सियासी जमात से जुड़े बेहद रसूखदार लोगो से बेहद आत्मीय संबंध रखकर और उनका बखूबी इस्तेमाल कर करोड़ो की अवैध कमाई की जा रही है। जिसका कुछ हिस्सा उन तमाम सहयोगियों पर खर्च किया जाता है जो इस अवैध धंधे में पर्दे के पीछे से किसी न किसी तरह सहयोग करते रहते है।
पवन झुनझुनवाला पर अभी तक इनकम टैक्स या अन्य जांच एजेंसी ने क्यों करवाई नही की ये भी एक प्रश्न है? इस अवैध धंधे से खड़ी की गई अकूत सम्पति का मालिक पवन झुनझुनवाला बेहद चालक और शातिर किस्म का कारोबारी है। खुद को जांच एजेंसियों से बचाने खातिर इस ने तमाम अर्जित सम्पति को अपने रिश्तेदारो या सहयोगियों के नाम पर खरीदा है। ताकि किसी भी जाँच एजेंसी के पकड़ में न आ सके और उन्हें आसानी से चकमा दिया जा सके।राज्यपाल द्वारा किया गया सम्मानित                   लॉटरी के काले कारोबार के इस बेताज बादशाह ने मिडिया में भी अपनी रसूख़ का इस्तेमाल कर खुद की छवि और चेहरे को चमकाने के का काम किया है। वही,दूसरी तरफ आम आदमी और समाज की नज़रों में भी खुद की छवि पाकसाफ दिखाने की कवायद के तहत पवन ने अपनी धार्मिक छवि बनाकर रखी है। बेहद धार्मिक होने का लबादा इसने खुद को सुरक्षित रखने खातिर कवच की तरह अपना रखा है। ताकि आम लोग धार्मिक भावनाओं में बहकर इसे  निःस्वार्थ समाजसेवी समझकर इसपर किसी प्रकार का सन्देह न करे और इसकी छवि समाज मे बनी रहे।
इसी जबरिया बनाई गई समाजसेवी छवि की बदौलत पवन झुनझुनवाला ने खुद की छवि निखारने खातिर अपने सियासी और कारोबारी संबंधों की तिकड़म का सहारा लेकर खुद को विगत दिनो  बिहार के वर्त्तमान राज्यपाल लाल जी टंडन से बतौर एक समाजसेवी सम्मानित भी करवा लिया। लेकिन कहते है न झूठ और फरेब के पाँव नही होते है।
ठीक इसी तरह पवन के डिहरी स्थित घर और अड्डे पर उसके अवैध लॉटरी के काले कारोबार के ठिकाने पर रोहतास पुलिस द्वारा छापेमारी की गयी। साथ ही पवन पर नामज़द अभियुक्त के तौर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी खातिर छापेमारी शुरू कर दिया गया है।

रोहतास एसपी रहे मनु महाराज किया था गिरफ़्तारयह कोई पहला वाकया नही जब पवन झुनझुनवाला की काली करतूत उजागर हुई है। पवन पर सट्टा और जुआ जैसे अवैध कारोबारों का रोहतास में जन्मदाता माना जाता है। न केवल बिहार बल्कि आसपास के कई राज्यों में इसका नेटवर्क है जो सट्टेबाजी, जुआ और लॉटरी का अवैध धंधा संचालित करता है। इस कारोबार को पवन कई वर्षों से संचालित करता आ रहा है। लेकिन यह पहली बार उस वक्त मीडिया की सुर्खिया बना जब इस लॉटरी माफिया को जिले के तत्कालीन एसपी मनु महाराज ने लॉटरी के अवैध कारोबार के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाते हुए ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए पवन झुनझुनवाला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस वक्त भी इस शातिर कारोबारी को बचाने की बड़ी कवायद इसके चाहने वालो ने की थी लेकिन बेहद सख्त और कड़क आईपीएस अधिकारी मनु महाराज के सामने किसी की एक न चली और झुनझुनवाला जेल पहुच गया था।

                     अब देखना है कि पुलिस प्राथमिकी में नाम दर्ज करने के बाद पवन झुनझुनवाला को रोहतास पुलिस कबतक गिरफ्तार कर पाती है या पुनः पहले ही की तरह अपने रसूख़ और पैरवी पैसे के दम पर ये खुद बचाने में कामयाब हो जाएगा? यह तो अब आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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