बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Super Exclusive (वीडियो) बाल बाल बचे मासूम, राजधानी की सड़कों पर घूम रहे है बच्चों के सौदागर, स्कूल से ही ले उड़े थे बच्चों को ..

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रोहित यादव, खोजी पत्रकार

पटना Live डेस्क। राजधानी पटना की सड़कों पर  बेखटक और बेधडक़ बच्चों के दुश्मन घूम रहे है। इनकी कोशिश है कि आप के जिगर के टुकड़ों को महज चंद चांदी के सिक्कों ख़ातिर बेच दिया जाय। ये महज एक कयास नही हकीकत है। इसका खुलासा तब हुआ जब एक बहादुर बच्ची ने खुद को तो बचाया ही अपने मासूम भाई को भी नर्क में धकेले जाने से बचा लिया है।
ज़ी हां आप बिल्कुल सही समझ रहे है राजधानी पटना में मासूमो का अपहरण कर उन्हें बेचने वाले सक्रिय है। न केवल सक्रिय है बल्कि अपने दुःसाहस का परिचय देते हुए आज शुक्रवार को तकरीबन 2 बजे के आस पास ये 3 लोगो का समूह जिसमे 2 पुरुष और एक महिला है पटना के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पहुचे और अपराजिता जो स्कूल के 8वी क्लास मे पढती को बताया कि तुम्हारी माँ कामनी जो पीएमसीएच नर्स उसका एक्सीडेंट हो गया है। माँ को धक्का लगने की बात सुनकर अपराजिता अपने नन्हे भाई जो इसी स्कूल में पढ़ता है को लेकर अपरिचितों के संग चल पड़ी।

दोनो बच्चों को साथ लेकर यह गिरोह ऑटो से दिनकर चौराहे कि तरफ बढ़ चला। इसी दौरान 8वीं क्लास की छात्रा अपराजिता को शक हुआ और उसने पूछा माँ कहा है हम लोग कहाँ जा रहे है। बच्ची के सवालों को सुनकर अपहरणकर्ताओं की स्थिति असहज हुई तो अपराजिता ने भाप लिया कि कुछ तो गड़बड़ है। इधर उसका छोटा भाई ऑटो में बैठे बैठे ही ऊँघने लगा था और जब अपराजिता को लगा कि कुछ गडबड है। मासूम ने एक साहसिक कदम उठाया और नन्हे भाई के संग दिनकर चौराहे के पास चलते ऑटो से छलांग लगा दी और जोर जोर से चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाने लगी।

बच्ची को ऑटो से कूदता देख आगे जाकर ऑटो रुक भी लेकिन स्कूल ड्रेस में अपने नन्हे भाई के संग एक बच्ची को मदद की गुहार लगाते देख लोगो की भीड़ वहां जमा हो गई। भीड़ को देकर अपहरणकर्ताओं वहां ने भाग निकले।भीड़ में ही शामिल किसी मददगार ने बच्ची को 20 रुपये देकर पीएमसीएच भेज दिया। घर पहुँचकर जब बेटी ने माँ को पूरा वाकया सुनाया तो कामिनी के पैरों तले जमीन ही निकल गई। अनहोनी की आशंका से डरी माँ सीधे गाँधी मैदान थाने पहुची, फिर वहां से एसएसपी कार्यालय।

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