Big News -परिवार बचाने की कवायद में ज़िन्दगी की जंग हार गया युवा IPS अधिकारी सुरेंद्र दास,अस्पताल में तोड़ा दम
पटना Live डेस्क। अपनी शादीशुदा जिंदगी और परिवार के बीच सामंजस्य बैठाने की तमाम कोशिशों के असफ़ल होने की वजह से 5 दिन पूर्व जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश करने वाले कानपुर के एसपी सुरेंद्र दास ने जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद आखिरकार रविवार को दम तोड़ दिया। उनकी हालत शनिवार को बेहद बिगड़ गई थी,जिसके बाद डॉक्टरों ने उनका इमरजेंसी ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन सफल रहा था लेकिन रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। कानपुर के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) के पद पर तैनात रहे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुरेन्द्र कुमार दास जहरीला पदार्थ खाने के कारण करीब पांच दिनों तक चली मौत से जंग आज आखिरकार हार गये. कानपुर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया।अगस्त में उन्हें कानपुर में एसपी ईस्ट के पद पर पोस्टिंग मिली थी।
रीजेंसी अस्पताल के सीएमओ डॉ राजेश अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरेंद्र दास को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने बताया कि उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया और पांच दिनों से जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे आईपीस सुरेंद्र कुमार दास ने दम तोड़ दिया। सीएमएस राजेश अग्रवाल ने बताया कि आईपीस सुरेंद्र ने रीजेंसी अस्पताल में रविवार को 12 बजकर 19 मिनट पर अंतिम सांस ली। आईपीस की मौत की सूचना मिलते ही समूचा पुलिस विभाग व परिजन शोक में डूब गए।डॉ राजेश ने बताया कि सुबह से जद्दोजहद जारी थी कि उनका दिल साथ दे दे लेकिन शरीर से जितना खून चाहिए था, वह नहीं मिल सका।
ग़ौरतलब है कि IPS दास ने बुधवार सुबह कैंट स्थित सरकारी आवास में जहर खा लिया था।हालत बिगड़ने पर परिजन और मातहत पुलिसकर्मी उन्हें उर्सला ले गए। वहां से डॉक्टरों ने उन्हें सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल रेफर कर दिया। जहां लगातार उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। शादीशुदा जीवन से परेशान होकर उठाया कदमगौरतलब है कि शादीशुदा जिंदगी में संतुलन न बैठा पाने के कारण उन्होंने सल्फास खा लिया था। फरेंसिक टीम को उनके कमरे से सल्फास के तीन पाउच मिले थे। जन्माष्टमी के दिन उनकी पत्नी डॉ रवीना ने नॉनवेज बर्गर मंगाकर खाया था। इस पर दोनों में झगड़ा हुआ था। बीते 40 दिनों से दास ने अपनी मां से बात नहीं की थी। उनके पिता फौज में थे। जबकि मां,भाई और भाभी लखनऊ में रहते थे।
मुंबई से आए थे डॉक्टर उन्होंने करीब 25-30 ग्राम सल्फास खाया होगा। उनके कमरे से एक सूइसाइड नोट भी मिला था जिसमें पति-पत्नी के बीच झगड़े की बात सामने आई थी। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था और ICU में वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके इलाज के लिए मुंबई से डॉक्टर बुलाए गए थे। दास के शरीर को सहारा देने के लिए एक्मो मशीन लगाई गई थी। यह मशीन फेफड़ों और दिल को आराम देकर मरीज को बाहर से सपोर्ट करती है।
बैच के 16 IPS साथियों ने उठाया इलाज का खर्च बैचमेट सुरेंद्र दास को बचाने के लिए 16 आईपीएस अफसर दिन-रात जद्दोजहद कर रहे थे। यूपी, दिल्ली में एक्मो मशीन नहीं मिली तो साथियों ने मशक्कत कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से मुंबई से मशीन और डॉक्टरों की टीम चार्टर प्लेन से बुलाई। कानपुर में रीजेंसी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि विदेश के भी किसी हॉस्पिटल में सुरेंद्र को इलाज के लिए भर्ती कराते तो इसी तरह से इलाज किया जाता। इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता था। सल्फास की ज्यादा मात्रा के कारण दास की किडनियों ने भी काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उनकी कई बार डायलिसिस की गई थी। बताते हैं एक्मो मशीन मंगाने में आए करीब 20 लाख रुपये के खर्च को उनके 2014 बैच के साथियों ने उठाया था। यूपी पुलिस से भी काफी आर्थिक मदद भेजी गई थी। हालांकि, कानपुर के एसएसपी अनंत देव ने बताया है कि दास के परिवार ने अब तक किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है। उन्होंने बताया है कि सूइसाइड नोट से भी कुछ साफ नहीं है।
इंटरनेट पर सर्च किए थे मौत के तरीके
लगातार गंभीर हालत स्थिर रहने के बाद शनिवार को उनके एक पैर में ब्लड सर्कुलेशन रुक गया था। वहीं उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने इमरजेंसी ऑपरेशन कर उनके पैर में जमा खून का थक्का निकाल दिया था। इससे पहले कानपुर के एसएसपी अनंत देव ने बताया था कि शादीशुदा जिंदगी में संतुलन बैठाने में दास और उनकी पत्नी को दिक्कतें आ रही थीं। इंटरनेट पर दास ने आत्महत्या के तरीके सर्च किए थे।
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