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BIG NEWS (वीडियो) IG पटना, DIG और SSP पहुचे जेल में बंद नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज के घर,नैयर हसनैन ने दिया परिजनों को इंसाफ का भरोसा

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बृजभूषण कुमार, ब्यूरो प्रमुख, पटना सिटी

पटना Live डेस्क। राजधानी पटना में एक नाबालिक सब्जी विक्रेता पर पुलिसिया जुल्मो सितम और फिर झूठे मुकदमे में जेल भेजने के बाद उसके माता पिता पिछले तीन महीने से इंसाफ के लिए अफसरों के दरवाजे- दरवाजे भटक रहे थे। लेकिन जब तक मीडिया में ये बात नहीं आयी किसी ने पंकज के परिवार की सुध नहीं ली। मीडिया में जैसे ही खबर आयी मुख्यमंत्री ने जांच का आदेश दे दिया। सीएम नीतीश कुमार के जांच के आदेश के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गयी। गुरुवार से ही इस मामले पर जांच भी शुरू हो गयी। पटना के जोनल आइजी नैयर हसनैन खां ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
गुरुवार को सुबह पुलिस मुख्यालय में जाकर सब्जी विक्रेता नाबालिग पंकज कुमार के माता-पिता ने मामले की जांच कर रहे आईजी से मुलाकात की। पीड़ित परिवार ने अपने बेटे पंकज के साथ हुई नाइंसाफी की पूरी बात आईजी के समक्ष रखी। पंकज के पिता ने बताया कि आईजी सर उनकी पूरी बात सुनने के बाद बेउर जेल में बंद उनके बेटे से मुलाकात कर पूछताछ करने की बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनके साथ इंसाफ होगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए
आईजी पटना बेउर जेल भी गए और जरल बन्द नाबालिक पंकज से मुलाकात कर पूरी घटना की उसके जुबानी सुनी। पंकज से तमाम मुद्दों पर पूछताछ के बाद आईजी का काफिला पीड़ित परिवार के किराए के घर
पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर पहुचा। आईजी पटना ने परिजनों से बातचीत की और वो स्पॉट भी देखा जिसके बाबत पंकज के परिजनों का कहना है कि पुलिस उनके बेटे को घर से पकड़ा था नाकि FIR में दर्ज जगह से। तमाम पूछ ताछ और जानकारी लेने के बाद आईजी ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा पुनः एक बार दिलाते हुए वापस मुख्यालय लौट गये।

पंकज की मां ने इंसाफ की गुहार के लिए राज्यपाल को भी पत्र लिखा था। इस पत्र में पंकज की मां ज्ञांती देवी ने इस घटना का जिक्र किया है। पत्र के मुताबिक, पकंज और उसकी मां पटना के महात्मा गांधी नगर में किराया के मकान में रह कर ठेला पर सब्जी बेचते थे। 19 मार्च 2018 को शाम 7.30 बजे पत्रकार नगर थाना की पुलिस मेरे मकान का पता लगा कर आयी। फिर मेरे पुत्र का नाम, पता पूछा और जबर्दस्ती उसे जीप में बैठा कर लेते गये।उस समय उसकी मां महात्मा गांधी नगर चौक पर सब्जी बेच रही थी। फिर मुझे पता चला कि मेरे पुत्र को अगमकुआं थाना कांड संख्या 87/18 में नामजद अभियुक्त बना दिया गया है। फिर उसे बेऊर जेल में भेज दिया गया। उसकी उम्र 14 साल है। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। मैंने कई बार इस मामले की जांच की गुहार लगायी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं एक बार फिर राज्यपाल महोदय से इसकी जांच के लिए अनुरोध करती हूं।दरसअल आरोप है कि जेल में बंद नाबालिक पंकज ने पुलिस वालों को मुफ्त में सब्जी नहीं दी तो उसे झूठे मुकदमे में फंसा दिया। पंकज पर लूट, चोरी और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। पंकज की उम्र 14 साल बतायी गयी है। उसकी मां ने प्रमाण में आधार कार्ड प्रस्तुत किया है। फिर सवाल उठता है उसे किस तरह जेल भेजा गया। आरोप है कि पुलिस ने उसे बालिग दिखा कर जेल भेजा है।

पंकज की मां ने इंसाफ की गुहार के लिए राज्यपाल को भी पत्र लिखा था। इस पत्र में पंकज की मां ज्ञांती देवी ने इस घटना का जिक्र किया है। पत्र के मुताबिक, पकंज और उसकी मां पटना के महात्मा गांधी नगर में किराया के मकान में रह कर ठेला पर सब्जी बेचते थे। 19 मार्च 2018 को शाम 7.30 बजे पत्रकार नगर थाना की पुलिस मेरे मकान का पता लगा कर आयी। फिर मेरे पुत्र का नाम, पता पूछा और जबर्दस्ती उसे जीप में बैठा कर लेते गये।उस समय उसकी मां महात्मा गांधी नगर चौक पर सब्जी बेच रही थी।फिर मुझे पता चला कि मेरे पुत्र को अगमकुआं थाना कांड संख्या 87/18 में नामजद अभियुक्त बना दिया गया है। फिर उसे बेऊर जेल में भेज दिया गया। उसकी उम्र 14 साल है। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। मैंने कई बार इस मामले की जांच की गुहार लगायी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं एक बार फिर राज्यपाल महोदय से इसकी जांच के लिए अनुरोध करती हूं।

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