बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

नीतीश सरकार को हाईकोर्ट से लगा झटका, इंडस्ट्रियल अल्कोहल बनाने पर रोक को किया रद्द

240

पटना Live डेस्क। सूबे में जारी पूर्ण शराबबंदी मुहिम को  पटना हाईकोर्ट सेबड़ा झटका लगा है।अदालत ने सरकार द्वारा सूबे की डीस्टिलरी कंपनियों पर रोक के आदेश को रद्द कर दिया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस राजेद्र मेनन की फुल बैंच ने अपना फैसला सुनाया है।कोर्ट के इस आदेश के बाद से स्प्रिट बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत मिली है।

इंडस्ट्रियल अल्कोहल बनाने पर बिहार सरकार के रोक को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया और कहा कि इसको रोकने का अधिकार राज सरकार को नही है।
सनद रहे कि पहले भी हाईकोर्ट ने सरकार का वह आदेश निरस्त कर दिया था, जिसमें थोक एवं खुदरा स्प्रिट का लाइसेंस रिन्यूवल नहीं करने को कहा गया था।इसके अलावा एमएंडटीपी कानून के तहत जारी लाइसेंस का भी रिन्यूवल न करने और नए लाइसेंस नहीं देने का भी आदेश निरस्त किया गया था।पूर्व चीफ जस्टिस आईए अंसारी व जस्टिस एसपी सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया था।फैसले पर प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा था कि अदालत के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने अठारह जनवरी को आदेश जारी किया था कि पहली अप्रैल से राज्य में शराब पर प्रतिबंध है। इसलिए दवा कंपनियों के लिए आसवनगृह को परिशोधित स्प्रिट बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।साथ ही एमएंडटीपी एक्ट के तहत स्वीकृत दवा कंपनियों को दवा बनाने के लिए परिशोधित स्पिरिट राज्य के बाहर से लाने की बात कही गई थी।बाद में उत्पाद आयुक्त ने विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में संशोधन करते हुए लाइसेंस का नवीकरण नहीं करने व नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी गई थी।

Comments are closed.