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बड़ी खबर — 13 साल की मासूम से गैंग रेप कर हैवानियत की हदे पार करने वाले सभी दरिंदो को मिली मौत की सज़ा

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पटना Live डेस्क। उसकी उम्र महज 13 साल थी। घटना वाले दिन यानी 11 मई 2012 को भी हर दिन की भांति वो मासूम मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर भित्ता पढ़ने गई थी। हर दिन वह स्कूल से आने के बाद ट्यूशन पढ़ने जाती थी और फिर लौटकर वह पिता के कामत अहरीघाट मलडीहा कामत पर जाकर उनके लिए खाना बनाती थी।
घटना के दिन स्कूल से आने के बाद मासूम ट्यूशन भी गयी लेकिन उसके बाद जब वह वापस नहीं लौटी तो उसके चाचा ने मासूम को ढूढना शुरू किया पर कुछ भी पता नही चला। परिजन मासूम की तलाश में ही थे कि इसी दौरान रात में मकई खेत में एक मासूम बच्ची के शव होने की बात कही गयी। इसके बाद जब पिता ने घटना स्थल पर जाकर देखा तो उसकी पहचान अपनी बेटी के रुप में की। इसके बाद पुलिस ने मासूम के शव को जब्त कर इस मामले की जांच शुरू की।मासूम का शव गांव के ही सत्यनारायण मंडल के मकई खेत में क्षत विक्षत अवस्था में मिला था। मासूम की हत्या सामूहिक दुष्कर्म के बाद अपना जुर्म छुपाने खातिर हैवानियत की हदे पार करते बेहद निर्ममता पूर्वक कर दी गयी थी। पोस्टमार्टम में इस बात का खुलासा हुए था कि दरिंदों ने मासूम की हत्या के बाद उसके गले में डेड़ फीट की बांस की कील घुसेड़ दी थी।पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि इस दरिदंगी को अंजाम देने वाला प्रशांत कुमार था जो मासूम को ट्यूशन पढ़ाया करता था। आरोपी प्रशांत कुमार ने ही अपने दो साथियों के साथ मिलकर पहले तो मासूम के साथ दुष्कर्म किया और फिर अपना गुनाह छुपाने खातिर उसका बेहद जघन्य तरीके से मार डाला था।
पूर्णिया के इस बेहद चर्चित और जघन्यतम हत्याकांड का मामला बीकोठी थाना क्षेत्र के मलडीहा में ग्यारह मई 2012 को घटित सामूहिक दुष्कर्म बाद जघन्य रूप से मासूम की हत्या के मामले में शामिल तीन दुष्कर्मियों और हत्यारों को कोर्ट ने गुरुवार फांसी की सजा सुनाई है। प्रथम अपर जिला जज सत्येन्द्र रजक की अदालत ने इस मामले में आरोपियों को सजा सुनाई। न्यायालय ने इस मामले में जिन तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई उनमें प्रशांत कुमार, सोनू कुमार एवं रुपेश कुमार मलडीहा के रहने वाले हैं। इन सभी आरोपियों को फांसी की सजा के अलावा एक-एक लाख का जुर्माना की सजा सुनाई है।

 

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