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सबसे बड़ा खुलासा(Exclusive)-UP का नकली रजिस्ट्रेशन नम्बर और बिहार परिवहन विभाग की हत्यारी लापरवाही से जिंदा भस्म हुए बिहारी

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पटना Live डेस्क।सुबे में बीती शाम एक हृदयविदारक हादसे में बिहार निवासी कई जिंदा भस्म हो गए।हादसा तब हुआ जब एक बस अनियंत्रित होकर पुल से गड्ढे में जा गिरी और महज चंदपलो में आग के शोलो में तब्दील हो गई और पलक झपकते ही इंसानी जिंदगियों को लील लिया। यह महज कुछ इंसानी ज़िन्दगियों का खात्मा नही बल्कि की परिवारों की उम्मीदों और सपने का कत्ल है।
हम इसे कत्ल क्यो कह रहे है क्योंकि इसके पीछे हमारे पास वाजिब तर्क और ठोस सबूत है। इस त्रासद घटना के बाद जब पटना Live की टीम ने जानकारियां इकट्ठा करनी शुरू की तो हमारे होश उड़ते चले गए।महज कुछ हजार रुपयों खातिर परिवहन विभाग के अधिकारियों से सेटिंग्स के बल पर बस माफ़िया प्रतिदिन हजारो हजार बिहारियों की जिंदगियों को खतरे में डालते है। यानी इंसानी ज़िन्दगियों से खिलवाड़ लंबे समय से चल रहा था और ये हादसा तो हर दिन टल रहा था पर गुरुवार को काल ने इस नापाक गठबंधन पर हमला कर दिया और मासूम जिंदगियां असमय खत्म हो गई।

बिहार के मुजफ्फरपुर से दिल्ली के आनंद बिहार जा रही एक AC बस गुरुवार शाम पूर्वी चम्पारण के कोटवा के समीप पुल से नीचे गिर गई और उसमे भीषण आग लग गई। हादसा एनएच-28 पर बेलवा चौक समीप हुआ। दुर्घटना में कितने यात्रियों के जिंदा भस्म होने को लेकर कई तरह के दावे है। वही शुरुआती दावों की अनुसार बस का शीशा तोड़कर निकले लोगों के अनुसार हादसे के वक्त बस में ड्राइवर खलासी समेत कुल 32 लोग सवार थे।हादसे के बाद 8 लोगो के देर रात तक बच निकलने की सूचना है। बाकी बचे बसमद सवार लोगों के बारे में तरह-तरह की चर्चा है। दूसरी ओर प्रशासन ने एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है। वही बकौल मोतिहारी के डीएम रमण कुमार के अबतक कोई शव नहीं मिला है। SDRF और NDR के सहयोग से हादसे के बाद पूरी तरह जल चुकी साहिल राज डेली बस सर्विस की बस जिसपर यूपी का रजिस्ट्रेशन नंबर UP-75AT-2312 अंकित था को  क्रेन से गड्ढ़े में पलटी बस को सीधा किया गया, तदुपरांत बस को सीधा कर एनएच पर पर लाया गया। फिर शवों की तलाश खातिर जली बस और एनएच किनारे के गड्ढे में तलाश शुरू कर दी गई। एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। वही इस भीषण हादसे के बाबत प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस चालक एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में नियंत्रण खो बैठा और बस पुल से नीचे जा गिरी।बस के गिरते ही उसमें आग लग गई और धू-धू कर जलने लगी। चारो ओर चीख-पुकार मच गई। तब तक बस के अंदर बैठे कुछ यात्री शीशा तोड़कर बाहर निकले।                  हादसे का खौफ़नाक सच   मोतिहारी जिले में गुरुवार शाम एनएच-28 पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बेलवा के समीप शाम 4 बजे मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही साहिल राज ट्रैवल्स की बस बाइक को बचाने में 20 फीट गहरे गड्‌ढे में पलट गई। इससे एसी सिलेंडर फट गया और बस में आग लग गई। इसकी लपटें डीजल टैंक तक पहुंच गईं और आग ने भयावह रूप ले लिया।पास के ढाबा से दौड़कर कुछ लोग आए और बस का शीशा तोड़ कर किसी तरह 8 यात्रियों को निकाला। बचे यात्रियों के अनुसार बस में 27 लोग सवार थे। हादसे के वक्त बस की रफ्तार काफी तेज थी। बारिश के कारण सड़क भी गीली थी। बस ढाई बजे मुजफ्फरपुर के बैरिया स्टैंड से खुली थी।यूपी का फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर                            अब इस हादसे के बाद जो सच सामने आया है वो सुनकर तो आपके होश उड़ जाएंगे और सुशासन की सरकार के दावे के परखच्चे। हादसे के शिकार हुई बस के बाबत जो पहली बात पता चली वो कि, ये बस बिहार परिवहन विभाग के अधिकारियों और बस माफ़िया केे मिली भगत स बिना किसी कागजात और परमिट के प्रतिदिन बिहार से दिल्ली के बीच दौड़ाने वाली सैकड़ों अवैध बसों में एक है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के बाद बिहार पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बस के ऑनर का पता लगा लिया है।बस ऑनर अभिषेक पांडेय है जो दिल्ली के रहने वाले बताये जा रहे है।बताया जा रहा है कि बस का रजिट्रेशन उत्तर प्रदेश में कराया गया था। लेकिन वो फ़र्ज़ी निकाला।                कैब का नंबर बस पर था लिखा                                                      साहिल राज के नाम से मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही हडसेंक शिकार हुई बस का रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी है। इस खुलासे ने बिहार परिवहन विभाग के अधिकारी भी सवालों के घेरे में आने लगे है। यह बस यूपी के इटावा जिले में रजिस्ट्रर्ड है।मोटर कैब श्रेणी में दर्ज है और महिंद्रा एण्ड महिंद्रा की गाड़ी है।उसके बाद यूपी प्रशासन का होश उड़ गयी है।परिवहन विभाग के अधिकारी अरविंद कुमार जैसल की माने तो बस पर लिखा UP 75 AT-2312 नंबर फर्जी है। बस पर लिखा नंबर महिन्द्रा कैब का है। वही मिले नंबर पर परिवहन विभाग में इटावा के नगला रामसुंदर सचेंद्र कुमार सिंह का नाम दर्ज है।उन्होंने बताया कि इस नंबर पर टैक्स व फिटनेस पूरा जमा है।दरअसल, यह बस सैकड़ों किलो मीटर की यात्रा के दौरान न जाने कितने टोल प्लाजा, कितने चेक पोस्ट पार कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र आनंद बिहार पहुच जाती थी और लौट आती रही और न तो यूपी न बिहार और न दिल्ली के परिवहन विभाग ने इस पर लिखे यूपी 75 एटी-2312 नंबर की जांच करने की जहमत नही उठाई। सवाल उठता है क्यो ? हादसे के बाद बाद जब नंबर की जांच की गई तो वह फर्जी निकला।
जांच रिपोर्ट में इस श्रेणी में हल्के वाहन आना बताया गया है। इटावा (यूपी) यूपी परिवहन विभाग के मुताबिक यह नंबर बस पर कैसे चलाया जा रहा है यह तो जांच का विषय है।इससे बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। मामले की जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा।परिवहन विभाग की हत्यारी और घातक लापरवाही                                   ऐसा नही ही बिहार सरकार के परिवहन विभाग को इस गोरखधंधे के बाबत जानकारी नही थी, जी हां विभाग को भी परिवहन माफ़िया और जिला परिवहन अधिकारियों  अधिकारियों  के गठजोड़ की जानकारी थी और लगातार इस कि शिकायत मिल रही थी। तभी तो पिछले वर्ष मार्च के महीने में दिल्ली जाने वाली बसों के लिए परिवहन विभाग ने अलग से कई मानक बनाए थे।साथ ही परिवहन आयुक्त ने सभी जिलों के डीटीओ और परिवहन सचिव का आदेश जारी किया था। दिल्ली जाने वाली सभी बसों की हर रोज जांच होनी है। विभागीय मानकों को पूरा करने वालों को ही बस आगे बढ़ाने की इजाजत दी जानी थी। साथ ही परमिट के बगैर और मानक नही पुर करने वाले बसों का परिचालन पूर्णतया बंद करने का आदेश जारी किया गया था। मगर सूबे में मुजफ्फरपुर सहित किसी जिले में इसका पालन नहीं किया गया। इसी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं।पैसे देकर अपना उल्लू सीधा कर मोटी कमाई कर रहे ट्रांसपोर्टर अब लगातार निरंकुश होते जा रहे हैं। वही आदेश और तय मानकों की अवहेलना पर भी चंद पैसों खातिर परिवहन विभाग और प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं करने का ही परिणाम है कि बिहार से हर रोज दिल्ली के लिए कम से कम चार से पांच सौ बसें रोज जा रही और हजारों हजार बिहारी जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे है।

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