बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Exclusive — न ओला कैब का लोगो न ट्रैफिक नियमो का पालन पर धड़ल्ले से पटना की सड़कों पर दौड़ रहे है ओला के अनुबंध पर वाहन, क्या यहा भी दिल्ली की तरह अंजाम दिया जाएगा अपहरण कांड?

261

पटना Live डेस्क। भारत मे कैब सेवा प्रदान करने वाली मल्टी नेशनल कंपनी ओला कैब आम आदमी को सुविधा तो दे ही रही है। साथ ही अब इस कंपनी का नाम देश भर में अपराध को अंजाम देने में लगातार सुर्खिया भी बटोर रहा है। बात अगर राजधानी पटना की करे तो सूबे में पूर्ण शराबबन्दी के बावजूद “शराब तस्करी” में ओला कैब की गाड़ी पटना के फतुहा थाना में शराब ढोने के दौरान पकड़ी गई। ड्राइवर शराब की।खेप के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और गाड़ी जब्त कर ली गई। मामला अब भी अदालत में चल रहा है।

भारत मे ओला कैब के ड्राइवरों द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यहार बदसलूकी जैसे अपराधो से शुरू हुआ सफर अब अपहरण जैसे वारदातो तक पहुच गया इसकी बानगी दिखी देश की राजधानी दिल्ली में। जहाँ दिल्ली से दो सप्ताह पहले अगवा किए गए डॉक्टर को पुलिस ने मेरठ से सकुशल बरामद कर लिया। इस अपहरण की साजिश ओला कैब के ड्राइवर और उसके साथियों ने रची थी। आरोपियों ने डॉक्टर को छोड़ने की एवज में ओला कंपनी से पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी।पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।अपहरण की यह वारदात बीती 6 जुलाई की है। प्रीत विहार के मेट्रो हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर श्रीकांत गौड़ ने रात 11 बजे घर जाने के लिए ओला कैब बुक की थी। थोड़ी देर में ही ड्राइवर सुशील कैब लेकर उनकी लोकेशन पर पहुंच गया।कुछ दूर चलने के बाद ड्राइवर के साथी भी कैब में बैठ गए। डॉक्टर गौड ने इस बात का विरोध किया तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली थी। आरोपी डॉक्टर को अपने साथ लेकर यूपी के मेरठ जा पहुंचे, जहां उनका ठिकाना था। उन्होंने वहां डॉक्टर को एक घर में बंधक बना लिया।अपहरण के बाद आरोपियों ने उसकी रिहाई के बदले ओला कंपनी से 5 करोड़ की फिरौती मांगी।

ओला कैब में अपहरण में इस्तेमाल गाड़ी फ़र्ज़ी कागजात पर अनुबंधित कराई गई थी…

इस बात की सूचना ओला कंपनी ने पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। जांच में पता चला कि कैब में जीपीएस लगा हुआ है। इसके बाद लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस दौराला के दादरी में आरोपियों के ठिकाने तक जा पहुंची।बुधवार को पुलिस ने बदमाशों के ठिकाने की घेराबंदी कर ली।इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई।कुछ देर चली गोलीबारी के बाद पुलिस ने विवेक उर्फ मोदी, प्रमोद और अनुज नामक बदमाश को अरेस्ट कर लिया। अगवा किए गए डॉक्टर को भी सकुशल बरामद कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ड्राइवर सुशील और अनुज ने इस तरह की वारदात की योजना बनाई थी।प्लान के मुताबिक सुशील के फर्जी कागजात तैयार करवाकर एक गाड़ी को ओला कंपनी में लगवाया गया था।उसी के बाद से आरोपी किसी शिकार की तलाश कर रहे थे। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई कैब भी बरामद कर ली है आरोपियों से पूछताछ जारी है।
इस घटना के बाद भी ओला कैब ने कोई सबक नही सीखा है। हम ऐसा क्यों कहा रहे है क्योंकि इसका हमारे पास पुख्ता सबूत है। महज चंद पैसों ख़ातिर यह विदेशी कंपनी कैसे आम लोगो की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है इसकी बानगी दिखी है बिहार की राजधानी पटना में जहां ओला कैब के अनुबंध पर एक ऐसी गाड़ी पटना की सड़कों पर धड़ल्ले से फ़र्राटे भर रही है जो कि ट्रैफिक नियमो की धज़्ज़िया उड़ा रही है।
अब हम आपको दिखाते है वो गाड़ी जो जिसके शीशे डार्क ब्लॉक तो है ही उस गाड़ी पर न तो ओला कंपनी का लोगो ही लगा है। हद तो ये की कंपनी के लोगो की बजाय इस गाड़ी पर “एक्स आर्मी” लिखा है।

साथ ही बिहार सरकार के परिवहन विभाग को भी लगातार चुना लगाया जा रहा है। क्योंकि नियमतः अगर आप अपने वाहन को कमर्शियली चलाते है तो इसके लिए आपको पीली नंबर प्लेट के साथ ही परमिट लेनी पड़ती है।

पटना में ओला कैब नियम कानून की धज़्ज़िया उड़ा रहा है…

बात अगर ओला कंपनी की करे तो कंपनी का नियम कहता है कि किसी गाड़ी को तभी अनुबंधित किया जाता गई जब वो कमर्शियल हो। पर राजधानी पटना में कंपनी द्वारा इस नियम की धज़्ज़िया कंपनी द्वारा ही उड़ाया जा रहा है।

ओला का खेला

राजधानी पटना में इस मल्टीनेशनल कैब कंपनी के गोरखधंधे का खुलासा तक हुआ जब 20 जुलाई को
कंपनी के एप्लिकेशन द्वारा वेस्ट बोरिंग रोड आनंद पूरी से पीसी कॉलोनी कंकडबाग के लिए एक कैब बुक की गई। बुकिंग करने पर जो डिटेल्स कंपनी द्वारा कैब के बाबत दी गई उसके अनुसार कैब एक वाइट स्विफ्ट डिजायर प्राइम सेडान जिसके ड्राइवर का नाम रौशन कुमार दिया गया।

और दिए गए पते पर जो गाड़ी आई उसपर न तो ओला का स्टिकर था ना ही कमर्शियल नंबर प्लेट ही थी।

पटना पुलिस को जांच करनी चाहिए

मुल्क के विभिन्न शहरों में ओला कैब के ड्राइवरो और कैब के विभिन्न काण्डों में शामिल होने के खबरों के बीच अब पटना पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए साथ ही इस कंपनी के लापरवाही भरे कारनामो और करतूतों को देखते हुये इस कंपनी के क्रियाकलापों की जांच करनी चाहिए।

Comments are closed.