मुजफ्फरपुर/रंजन पांडेय
पटना Live डेस्क. अगर आप मुजफ्फरपुर में रहते हैं, और बिजली कंपनी एस्सेल की बातों को नहीं मानते हैं तो संभव है कि कंपनी आपको झूठे मुकदमों में फंसा दे और फिर आपको कोर्ट- कचहरी और पुलिस थानों का चक्कर लगाना पड़े. जी हां. मुजफ्फरपुर में बिजली वितरण कंपनी का काम संभाल रही एस्सेल कंपनी के कर्मचारियों पर तो इसी तरह का आरोप लगा है. घर में जलायी जा रही थी जेनरेटर से बिजली लेकिन एस्सेल कर्मचारियों ने उसे साबित कर दिया कि ये बिजली चोरी से जलाई जा रही है. आश्चर्य की बात यह है कि कंपनी घरवालों को झांसा देकर घर के उपर से गुजर रही बिजली की तार का फोटो खींचकर ले गई लेकिन कह दिया कि घर में बिजली जलायी जा रही है. इतना ही नहीं पीड़ित ने जब इस संबंध में अपनी शिकायत दर्ज की तो एस्सेल कंपनी के कर्मचारियों का धौंस देखिए. उल्टे उन्होंने पीड़ित को मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी.
मामला शहर के दून सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के प्रिंसिपल राजीव कुमार पांडेय से जुड़ा हुआ है. राजीव ने एस्सेल के नौ कर्मचारियों के खिलाफ साजिश के तहत रंगदारी मांगने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि उनके निर्माणाधीन मकान में जेनरेटर से बिजली जलायी जा रही थी. उसी दौरान एस्सेल के चार-पांच कर्मचारी उनके घर पहुंचे और कहा कि वो उऩके घर के उपर से गुजर रहे तार में करंट चेक करने आए हैं. इसी दौरान कर्मचारियों ने तार की वीडिया रिकॉर्डिंग कर ली और ऑफिस पहुंचकर घरवालों को फोन किया. घरवाले जब एस्सेल के ऑफिस पहुंचे तो अधिकारियों ने रुपए मांगे और ब्लैंक चेक लेकर माड़ीपुर ऑफिस बुलाया. जब घरवालों ने इस बात से इनकार किया तो अधिकारियों ने बदसलूकी करते हुए कहा कि, बिजली के लिए रुपए देने ही पड़ेंगे चाहे आप जलाएं या ना जलाएं. इतना ही नहीं एस्सेल कर्मचारियों ने उन्हें धमकाया भी और कहा कि अगर उन्होंने रुपए जमा नहीं कराए तो वो उऩ्हें झूठे मुकदमे में फंसाने से भी गुरेज नहीं करेंगे.
दरअसल एस्सेल कंपनी के खिलाफ ये कोई नया मामला नहीं है शहरवासियों ने भी ऐसे आरोप कई बार कंपनी के खिलाफ लगाए हैं. एस्सेल के खिलाफ ऐसी कई शिकायतें मिल चुकी हैं. बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने भी अपने मुजफ्फरपुर दौरे के दौरान कंपनी को हिदायत देकर कार्रवाई की बात कही थी.
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