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मधुूबनी के रहने वाले आठ साल के मासूम प्रद्यु्म्न की हैवानों ने स्कूल परिसर में ही की गला रेतकर हत्या,गांव में पसरा मातम

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पटना Live डेस्क. कल तक कूदने वाला…घर में फुदकने वाला प्रद्युम्न आज इस दुनिया में नहीं है..हैवानों ने उसकी गला रेतकर उसकी हत्या कर दी..आखिर उसका दोष क्या था..महज आठ साल का मासूम प्रद्युम्न हंसी-खुशी तो स्कूल गया था..फिर अचानक क्या हो गया…उसकी हत्या के पीछे जो कहानी सामने आ रही है वो दिल दहलाने वाली है…जिस बस से वो स्कूल जाता था उसी स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार की कोशिश की..पुलिस की गिरफ्त में आए बस के कंडक्टर ने उसके साथ यौन शोषण करने की कोशिश की..लेकिन जब वो असफल हो गया तो उसने मासूम की बड़ी ही बेदर्दी से हत्या कर दी..आस-पास के लोग घटना के बाद सन्न हैं…माता-पिता के मुंह से बोल नही निकल रहे हैं…सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कैसे कोई माता-पिता पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को स्कूल प्रबंधन के भरोसे छोड़े..जहां न कोई सुरक्षा है और न ही कोई जिम्मेदारी…दो भाई-बहनों में से एक मासूम प्रद्युम्न का असली घर बिहार के मधुबनी जिले मे है…जैसे ही मधुबनी इस बात की खबर आयी गांव में सन्नाटा पसरा है..हरेक लोगों की जुबां पर यही सवाल है कि आखिर उस आठ साल के मासूम ने किसी का क्या बिगाड़ा…जो उसे हैवानों ने इतनी बड़ी सजा दी…मासूम प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद्र ठाकुर मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड अंतर्गत बड़ा गांव के मूल निवासी हैं…वे ओरिएंट क्राफ्ट में क्वालिटी मेनेजर हैं.. मां का नाम ज्योति है.. प्रद्युम्न की बड़ी बहन विधि भी उसी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ती है…

पंडौल प्रखंड की दहिवत माधोपुर पश्चिमी पंचायत अंतर्गत बड़ागांव निवासी स्व. टुनटुन ठाकुर के छोटे बेटे वरुणचन्द्र ठाकुर के आठ वर्षीय पुत्र प्रद्युम्न कुमार की हत्या की सूचना गांव में शुक्रवार दोपहर बाद पहुंची… सूचना मिलते ही आस पड़ोस के लोग स्तब्ध रह गए…

बच्चे पर इतने धारदार हथियार से हमला किया गया कि उसका गला और एक कान पूरी तरह कट गया.. पुलिस मर्डर के पहलू से ही इस घटना की जांच कर रही है.. पुलिस ने बस कंडक्टर, ड्राइवर और एक स्कूल स्टाफ को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया है…

दिल्‍ली एनसीआर के गुरूग्राम के सोहना रोड स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न को शुक्रवार सुबह दूसरे बच्चों ने उसे टॉयलेट के बाहर देखा था.. तब वह जिंदा था.. पंद्रह मिनट पहले ही पिता उसे स्कूल छोड़कर आए थे.. प्रद्युम्न के पिता ने कहा कि उन्‍होंने बच्‍चे को सुबह 7:55 बजे में स्कूल छोड़ा था.. वह बहुत खुश था.. सुबह 8:10 बजे यानी पंद्रह मिनट बाद स्कूल मैनेजमेंट ने मुझे फोन कर बताया कि बच्चे की तबीयत खराब हो गई है, और उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है… जब तक हम मौके पर पहुंचे, प्रद्युम्न की मौत हो चुकी थी..

 

 

 

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