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शिवहर: विभागीय उदासीनता के चलते आखिरी सांसे गिन रहा है जिले का सूचना और जनसंपर्क विभाग,जिलाधिकारी से कई उम्मीदें

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मनीष नन्दन सिंह/शिवहर

पटना Live डेस्क. शिवहर का जिला सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग इन दिनों अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है… एक तो विभागीय बेरूखी.. और ऊपर से जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था ने जनसम्पर्क विभाग को गुमनामी के अँधेरे में जीने को मजबूर कर दिया है.. लिहाजा मीडिया के लिए खबरों के प्रेषण और उपलब्धता में शिवहर जिला सबसे निचले पायदान पर नजर आता है… साल 2014 के अगस्त से अब तक जो भी अधिकारी डीपीआरओ के रूप में पदस्थापित हुए है… उन्होंने अपनी कार्यशैली से सूचना जनसम्पर्क विभाग को नीचा ही किया है…इस स्थिति को देख याद पिछले दिनों की आती है जब जिला सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग विकासात्मक योजनाओं के प्रचार में भी अग्रणी तो था ही.. साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अपनी गतिविधियों के चलते सदा नई भूमिका को गढ़ता था…आज वही वक्त है कि जनसम्पर्क विभाग अपने पहचान को मोहताज है….

मीडिया कर्मियों के बैठने की बात तो छोड़ ही दीजिए, खबरों के प्रेषण… विभागीय योजनाओं के प्रचार – प्रसार के नाम पर महज औपचारिकता ही निभाई जाती है.. हालात तो यह है कि इन समस्याओं के प्रति अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और कुछ ने तो आँखें मूंदना ही मुनासिब समझा… जिस सूचना भवन में कभी मीडिया पर आधारित संगोष्ठी, कार्यशालाएं और सेमीनार के आयोजनों की धूम होती थी…. आज वो वीरान पड़ा है..और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है..बहरहाल प्रश्न यह उठता है कि आखिर जनसम्पर्क विभाग की दशा और दिशा कब सुधरेगी.. इसकी खोई हुई प्रतिष्ठा कब वापस आएगी.. इसके लिए जो भी जिम्मेवार है क्या उन्हें कठघड़े में खड़ा किया जाएगा… हालांकि शिवहर जिलाधिकारी राज कुमार ने उच्च शिक्षा से लेकर कई विकासात्मक कार्य किए हैं… जिसके लिए पूरा जिला उनका आभार प्रकट करता है… अब लोगों को भरोसा और विश्वास है कि जिलाधिकारी स्थानीय मीडिया कर्मियों की समस्याओं का निदान करेंगे…..

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