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BiG News (वीडियो) आईजी (अभियान) कुन्दन कृष्णन को साथ लेकर DGP पहुचे शहीद थानेदार के गाँव, मरणोपरान्त वीरता पुरस्कार खातिर करेंगे रिकोमेंड

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राजीव झा, ब्यूरो कोर्डिनेटर, सहरसा

#शहीद आशीष कुमार अमर रहे से गूंजा सरोजा गांव

#रविवार को दोपहर डीजीपी व कुंदन कृष्णन पहुंचे
परिजनों से की मुलाकात, पत्नी को मिलेंगे 21लाख

#शोकसभा में मुख्यमंत्री को शामिल होने का किया आग्रह

पटना Live डेस्क। 2009 बैच के दरोगा सह खगड़िया के परसाहा थानेदार आशीष कुमार सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कर्तव्य की बलि वेदी पर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। उनकी इस बहादुरी और कर्तव्यपरायणता को सलाम करने रविवार को बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी के एस द्वीवेदी आईजी अभियान को साथ लेकर थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के पैतृक गांव सरोजा पहुचे। शहीद थानाध्यक्ष के परिजनों से मिलने के दौरान बिहार के पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी और आईजी अभियान कुंदन कृष्णन भावुक हो गये। परिजनों के आसुओं की अविरल धारा और नन्हे बेटे और बेटी को देखकर उनकी आंखों में भी आंसू आ गया। उन्होंने कहा कि शहीद आशीष की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी।कुख्यात दिनेश मुनि गिरोह का सफाया करने में पुलिस जुटी हुई है।                                     पुलिस शहादत दिवस के मौके पर सूबे के डीजीपी रविवार को सिमरी बख्तियारपुर के सरोजा गांव स्थित शहीद थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के पैतृक घर पहुंचे।उन्होंने शहीद के चित्र पर माल्यापर्ण   कर उनकी शहादत को नमन किया। वे शहीद की पत्नी सरिता सिंह व परिवारवालों से मिले। डीजीपी ने 50 हजार की पुरस्कार राशि सरिता सिंह को दिया।उन्होंने परिजनों से कहा कि उनके साथ पूरा महकमा व सरकार है। हर स्तर पर शहीद के परिजनों को सहायता देने की पहल की जा रही है। उन्होंने दुख के इस घड़ी में परिजनों को ढांढस देते हुए कहा कि उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया और वो हमेशा याद आएंगे। डीजीपी ने सोमवार को शहीद की पत्नी के खाते में अनुग्रह राशि के रुप में 21 लाख रुपये डाल दिए जाएंगे। डीजीपी ने यह भी कहा कि आशीष के बलिदान और शहादत से पूरा पुलिस महकमा गौरवांन्वित है। डीजीपी बनने के बाद पहली बार सहरसा जिला पहुंचे डीजीपी को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान लोगों ने शहीद आशीष अमर रहे..आदि नारे लगा रहे थे।                      

आशीष की बहादुरी को किया सलाम   

डीजीपी ने कहा कि आशीष एक बहादुर थानाध्यक्ष था अगर वह चाहता तो रेड के दौरान पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद ऑपरेशन रोककर वापस लौट सकता था। लेकिन उसने ऑपरेशन जारी रखा। दुर्भाग्य था कि गोली उन्हें लग गई और हमने एक बहादुर अधिकारी खो दिया। वही मीडियाकर्मियों द्वारा सुरक्षा में चूक सवाल पर कड़ा परिवाद करते हुए सुरक्षा चूक से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा कि लड़ाई के मैदान में जो खड़ा होता है उसकी चूक देखने की बात नहीं होती है। वहां सिर्फ वही निर्णय लेता है। डीजीपी ने कहा कि चूक देखने का मतलब बहादुरी में कमी आंकना है।                     डीजीपी ने कहा कि जिस अपराधी को पकड़ने के लिए आशीष दियारा गया था। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मुठभेड़ में शामिल अधिकांश अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आशीष को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए अनुशंसा की जा रही है। मौके पर आईजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, मद्य निषेध आईजी रत्न संजय, आईजी दरभंगा प्रक्षेत्र पंकज दराद, डीआईजी पूर्णिया सह कोसी प्रभारी सौरभ कुमार, सहरसा एसपी राकेश कुमार, एसपी सुपौल मृत्युंजय चौधरी, डीएसपी मुख्यालय गणपति ठाकुर, सिमरी एसडीपीओ मृदुला कुमारी सहित सभी पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

वीरता पुरस्कार के लिए करेंगे रिकोमेंड           डीजीपी ने कहा कि जिस अपराधी को पकड़ने के लिए आशीष दियारा गया था। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मुठभेड़ में शामिल अधिकांश अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आशीष को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए अनुशंसा की जा रही है।

CM से शोकसभा में शिरकत करने का आग्रह 

ग्रामीणों ने मिलकर डीजीपी से आग्रह किया कि 25 अक्टूबर को शहीद आशीष के लिए सामूहिक शोकसभा आयोजित की गई है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से शोकसभा में शिरकत करने की पहल करने का आग्रह किया। कहा कि अगर मुख्यमंत्री इस सभा में शिरकत करेंगे तो शहीद आशीष के शहादत पर परिजनों ही नहीं इलाके के लोगों को गर्व महसूस होगा।                                           शहीद आशीष के परिजनों से मिलने के बाद डीजीपी बलवा ओपी पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक की।पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार, दरभंगा प्रक्षेत्र के आईजी पंकज दराद, आईजी, ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, आइजी मद्य निषेध रत्न संजय, डीआइजी सौरभ कुमार, सुपौल एसपी मृत्युंजय चौधरी की उपस्थिति में विधि व्यवस्था एवं अन्य जानकारी ली। उन्होंने बलवा ओपी के जर्जर हालत में रहने पर कहा कि इसके निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाय। अगर प्रस्ताव भेजा गया तो इसकी जानकारी लेकर भवन बनवाया जाएगा। पुलिस महकमा के पदाधिकारियों के साथ लगभग 15 मिनट तक बातचीत करने के बाद डीजीपी व आईजी, ऑपरेशन कुंदन कृष्णन हेलीकॉप्टर से पटना के लिए रवाना हो गए।

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