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बड़ी खबर(विजुअल)  24 घंटे में ही खत्म हो गया बाल विवाह एवं दहेज विरोधी मानवश्रृंखला का असर, नाबालिक का हुया बक्सर में विवाह

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पटना Live डेस्क। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के आह्वान पर 21 तारीख को बाल विवाह एवं दहेज के विरुद्ध सरकारी अधिकारियों और सरकार की मुहिम में एकजुट हो लोगों ने मानवश्रृंखला के सरकारी आयोजन
का दंभ भर कर सामाजिक कुरीतियों को बन्द करने का राष्ट्र व्यापी नारा दिया गया। लेकिन यह महज सरकारी कवायद ही साबित हुई और महज 24 घंटे के अंदर बिहार के बक्सर जिले में जिला प्रशासन के नाक के नीचे अगले ही दिन नगर के रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप में एक गरीब की मासूम नाबालिक बेटी का ब्याह हो गया जो कुछ घंटों पहले बाल विवाह और दहेज के ख़िलाफ़ मानव श्रृंखला में खड़ी थी।
मामले की जानकारी जब बाल कल्याण समिति के सदस्य संतोष भारती को दी गई तो उन्होंने पटना होने का हवाला देते हुए कहा कि मैं आने में असमर्थ हूं,मैं किसी को भेज रहा हूं, हालांकि उन्होंने किसी को नहीं भेजा। तकरीबन 1 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी जाने के बाद मौके पर कोई नहीं पहुंचा तो इस कि जानकारी नगर थाने के थानाध्यक्ष समेत कई वरीय अधिकारियों को दी गईं।

लेकिन, कोई नही आया ?

जिले का सरकारी अमला तो सोया ही रहा नगर थानाध्यक्ष दयानंद प्रसाद ने वरीय पदाधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद कोई कार्रवाई की जाने की बात कह अपना पिंड छुड़ाते हुए मोबाइल बंद कर दिया। तो सूचना दिए जाने के 5 घंटे बाद पहुँचे बक्सर अंचल अधिकारी तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। पण्डित से लेकर नवब्याहाजोडा सगे सम्बंधी समेत अपने ठिकानों को जा चुके थे, इधर फेरे ली गई अग्नि भी ठंडी हो चुकी। हालत को देख और किसी को न पाकर हल्की सी मुस्कुराहट लिए साहब भी निकल लिए।

अंततः जिले के कोरान सराय थाना क्षेत्र के मठिला गांव की रहने वाली नीलम (14 वर्ष) की शादी उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के तिरवा गांव के रहने वाले बाबूलाल भर के 26 वर्षीय पुत्र अरविंद कुमार से कर दी गई. इस विषय में अगुआ की भूमिका निभाने वाले इटाढ़ी के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद सिंह पिता स्वर्गीय राम अवतार सिंह ने बड़ी ही बेशर्मी से कैमरे के सामने बताया कि उनके एक रिश्तेदार लखनऊ में फैक्ट्री में काम करते हैं यह लड़का भी वहीं सड़क पर परचून वगैरा की छोटी मोटी दुकान लगाता है  लड़के की शादी नहीं हो रही थी तो लड़के के पिता बाबूलाल भर ने बिहार में कहीं शादी कराए देने की बात राजेंद्र प्रसाद सिंह के रिश्तेदार से कही। जिस पर उन्होंने राजेंद्र प्रसाद की मिलीभगत से मठिला गांव के रहने वाले मुन्ना भर की किशोरवय भांजी नीलम से करा दी। राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि नीलम की दो बहनें और है जिनकी शादी पहले ही हो चुकी है। दरअसल नीलम के पिता बबलू भर आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। इस कारण बच्चियों का मामा मठिला गांव निवासी मुन्ना भर ही अपने यहां रखकर उनका लालन-पालन एवं शादी-ब्याह करता रहा है।
अपनी जिम्मेवारी से निभाने की जल्दी में मुन्ना ने आनन फानन में किशोरावस्था में ही नीलम की शादी अरविंद कुमार से तय कर दी और बसंत पंचमी के दिन ही आनन-फानन स्थानीय रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप में उनकी शादी संपन्न करा दी। हालांकि, बड़ा सवाल यह रहा जिला मुख्यालय में नगर थाने से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित रामरेखा घाट पर यह सब कुछ घंटो तक चलता रहा और जिला प्रशासन को कानों-कान इसकी खबर नहीं हुई। दूसरी तरफ जब मीडिया के द्वारा इस बात की सूचना वरीय अधिकारियों को देनी चाही गई तो भी उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया । ऐसे में यह कैसे माना जा सकता है कि सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के दहेज एवं बाल विवाह मुक्त बिहार बनाने का संकल्प पूरा हो पाएगा।

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