बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

छम्मक-छल्लो’ कहना पड़ सकता है भारी, हो सकती है जेल और लगेगा जुर्माना….

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पटना Live डेस्क। एक मशहूर फिल्म का एक बेहद चालू सा गाना है “छम्मक छल्लों” जरा धीरे चलो वरना जाओगी फिसल अगर गलती से भी आपने ये गाना सड़क पर गा दिया तो हो सकता है आप कोर्ट कचहरी के चक्कर मे पड़ जाए। जी हा यह सौ फीसदी सही और पुख्ता जानकारी हम आप से शेयर कर रहे है।

अमूमन सड़क पर पार्क में स्कूल कॉलेज के आसपास शोहदों द्वारा लड़कियों को छेड़ने के लिए कुछ फब्तियां हैं जो अक्सर कसी जाती हैं।इनमें से शब्द है … छम्मक-छल्लों काफी आम और धड़ल्ले से प्रयोग में लाया जाता है। लेकिन अब आप याद रखना गलती से भी ‘छम्मक-छल्लो’ शब्द आपके मुहं से निकल गया, तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। जी हां, महाराष्ट्र के ठाणे में अदालत ने आरोपी को एक महिला के लिए ‘छम्मक-छल्लों’ शब्द का इस्तेमाल करने पर अदालत के उठने तक साधरण कैद की सजा सुनाई गई है।।इस कैद के साथ 1 रूपए का जुर्माना भी लगाया गया।

अदालत ने कहा है कि किसी भी महिला के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करना उसका अपमान करने के बराबर है। कोर्ट ने इसके लिए इस्तेमाल से समझा जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला के अपमान करने के लिए किया जाता है। महिला इस शब्द को सुनकर चिढ़ती है व उन्हें गुस्सा आता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मामला आज का या कल का नहीं बल्कि 8 साल पुराना है, जिसका फैसला सोमवार को हुआ। 9 जनवरी 2009 को महिला ने शिकायत की थी कि जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी। उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई थी। तभी जिसने कूड़ेदान रखा था उसने विरोध करते हुए उसके लिए छम्मक छल्लो शब्द का इस्तेमाल किया। 8 साल बाद मजिस्ट्रेट आरयटी लंगाले ने इसपर फैसला सुनाते हुए उस शख्स को साधारण जेल की सजा सुनाई।

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