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नीतीश की पूर्ण शराबबन्दी की मुहिम को पुलिस ही लगा रही है पलीता, पुलिस ही करा रही है सुबे में शराब का धंधा

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पटना Live डेस्क। सुबे के मुखिया नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबन्दी की मुहिम का दारोमदार जिन कंधो पर है वही कंधे इस मुहिम को पलीता लगा रहे है। हाल ये है कि पूर्ण शराबबंदी की मुहिम को धता बताते हुए बिहार पुलिस ही शराब का धंधा कराने में लगी है। हालात ये है कि ख़ाकी ही मोटा मुनाफ़ा खातिर शराब माफिया के कंधे से कंधा मिलाकर शराब तस्करी करवा रही है। अमूमन ये हालात तो सुबे के हर जिले में है पर बक्सर जिले में पैसा लेकर शराब का धंधा करा रहे पुलिस वाले कि गिरफ़्तारी ने इस पर मुहर लगा दी हैं। पुलिस की गिरफ्त में आये  शराब की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार तस्करों ने जब एक-एक कर जब पुलिसवालों की पोल खोलनी शुरू की, तो पुलिस अधिकारियों के भी होश फ़ाख्ता हो गए और वो शर्म से पानी पानी होकर बगले झांकने लगे।

                      पुलिस गिरफ्त में आये शराब तस्करों ने पूछताछ में बताया कि बक्सर पुलिस शराब तस्करी का धंधा कराने के लिए तीन जगहों पर पैसे वसूलती है। पुलिस के हत्थे चढ़े तस्कर डुमरांव के संतोष प्रसाद तथा विजय कुमार ततवा बताये जाते हैं। पूछताछ में तस्करों द्वारा पुलिसवाले की पहचान बताने के बाद अधिकारियों ने टीआइ परेड कराने का फैसला किया। टीआई परेड के दौरान शराब तस्कर विजय कुमार ततवा ने राजेश कुमार नामक जवान को पहचान लिया  वर्तमान में वह वीर कुंवर सिंह चेक पोस्ट पर पदस्थापित है. पहचान होने के साथ ही जवान को हिरासत में ले लिया गया।इसके साथ ही जांच कमेटी भी गठित कर दी गयी।उत्पाद अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि लगाये गये आरोप सिद्ध होने के बाद जवान को बर्खास्त करने के लिए कार्यवाही की जायेगी।

                     वही पूछताछ के दौरान कुख्यात शराब तस्कर विजय कुमार ततवा ने बताया कि जवान राजेश की ड्यूटी के वक्त ही शराब की तस्करी की जाती थी। शराब लाने के पहले जवान से फोन पर बात कर ली जाती थी।।इसके बाद गंगा पार के उत्तर प्रदेश की भरौली से शराब की खेप लेकर बिहार में प्रवेश करते थे। यहां जवान को 500 रुपये प्रति खेप के लिए दिये जाते थे। इसके बाद शराब की खेप निकाल दी जाती थी। इसे लेकर तस्कर डुमरांव पहुंचते थे। डुमरांव पुलिस को भी पैसा दिया जाता था। तस्करों द्वारा किये गये इस खुलासे से साफ हो गया है कि बिहार के बक्सर में पूर्ण शराबबंदी को कमाई का जरिया बनाकर ख़ाकी वाले मोटी कमाई खातिर शराबबन्दी के प्रयासो को न केवल विफल कर रहे है बल्कि सरकार के मंसूबो पर भी पानी फेर रहे है।
वही इस खुलासे और पुलिस जवान की गिरफ्तारी के बाबत पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने बताया कि यह मामला काफी गंभीर है। मामले की जांच को लेकर टीम का गठन कर दिया गया है। पुलिस कर्मी हो या कोई अन्य अधिकारी, उनका नाम अगर शराब तस्करी में आता है, तो जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

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