बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

स्वास्थ्य मंत्री का बाप हूँ मैं…..

370

पटना Live डेस्क। तारीख 31 मई, लालू जी बीमार पड़े, खबर किसी और तक पहुंचे या ना पहुंचे लालू जी के बड़े बेटे और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप तक जरूर पहुंची..बेटे सह सूबे का स्वास्थ्य मंत्री का फर्ज जाग उठा….लिहाजा बिहार का स्वास्थ्य महकमा लालू जी को चंगा करने के लिए सक्रिय हो गया।सारे कायदे-कानून को ताक पर रख लालू की तीमारदारी में आईजीआईएमएस के डॉक्टरों की फौज को 10 सर्कुलर रोड़ स्थित राबड़ी जी के सरकारी आवास पर प्नतिनियुक्त कर दिया..पटना Live के पास उनकी  प्रतिनियुक्ति को प्रमाणित करने वाले सारे दस्तावेज मौजूद हैं। गौर करने वाली बात है कि डॉक्टरों की इस फौज में ऐसे डॉक्टर को भी रखा गया था जो पोस्टमॉर्टम करते हैं। ऐसे में दो सवाल खड़ा होता है..

 

दूसरी बात सरकारी दस्तावेज में दर्ज पते के अनुसार चिकित्सकों की यह टीम सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जी के आवास पर भेजा गया है..लेकिन गौर करने वाली बात है कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री का सरकारी आवास 3 देशरत्न मार्ग है न कि 10 सर्कुलर रोड।

पटना Live ने आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक से इस बाबत बात की।बात करने पर अधीक्षक पीके सिन्हा ने स्वीकार किया कि हां मैने अपने यहां से डॉक्टरों की टीम को 10 सर्कुलर रोड पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के पास भेजा था। जब उन्हें यह बताया गया कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री का आवास का पता 3 देशरत्न मार्ग है। तब उन्होंने कहा कि मुझे किसी के द्वारा कहा गया था वहां डॉक्टर की टीम को भेजना है। हमने यह जानने की कोशिश की….क्या आईजीआईएमएस किसी भी आम आदमी के लिए भी निजी तौर पर चिकित्सकों की व्यवस्था करता है..तब अधीक्षक महोदय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री आईजीआईएमएस के शासकीय निकाय के प्रमुख है ,ऐसे में उनके पिता श्री के इलाज के लिए ऐसी व्यवस्था की गई। पटना Live ने जब इस तथ्य को और कुरेदा कि क्या मंत्री महोदय की ओर से इस बाबत कोई लिखित आवेदन या आदेश आया था..इसके जवाब में अधीक्षक महोदय पूरी हनक से साथ बोले कि मैं इस प्रश्न का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं। साथ ही इस पूरे प्रकरण की पूरी जिम्मेदारी मैं अपने ऊपर लेता हूं।

अब प्रश्न  है कि लालू जी जो कि गरीबों पर राजनीति चमकाते हैं.. उनको ऐसी कौन सी बीमारी है जिसे वे अस्पताल आकर नहीं दिखा सकते और उनका इलाज उनके आवास पर ही गुप्त रूप से किया जाता है।जिस प्रदेश का अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है,उस प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के पिता के इलाज के लिए 5 डॉक्टरों की फौज को उनके सरकारी आवास पर भेजना क्या गरीबों के साथ अन्याय है या फिर कुछ और? पटना Live का यह सवाल उठाना लाजिमी है क्यूंकि सूबे में तो सुशासन है?

Comments are closed.