Super Exclusive – आईएएस ने सीएम नीतीश के दहेज रहित विवाह प्रयासो को दिया नया आयाम,महज 300 रुपये के खर्चे में किया विवाह
बृजभूषण कुमार, ब्यूरो प्रमुख, पटना सिटी
पटना Live डेस्क।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक सुधार की दिशा में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ मुहिम के रूप में दूसरा बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन आह्वान किया था कि लोग आज के बाद से दहेज ले-देकर होने वाली शादियों का बहिष्कार करें और शामिल न हों।मुख्यमंत्री ने आम लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नए साल में 21 जनवरी को दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाने की भी अपील की है। वही,सूबे में तैनात एक युवा आईएएस अफसर ने सीएम की इस मुहिम को नया आयाम देते हुए बेहद सादगी से महज 300 रुपये खर्च कर मैरिड लाइफ की शुरुआत कर लिया है। महज 300 रुपये खर्च सूबे के मुखिया के इस बेहद अहम सामाजिक मुहिम को नया आयाम देते हुए बिहार कैडर के 2013 बैच के आईएएस योगेंद्र सिंह ने महज 300 रुपये के मामूली खर्च में बेहद सादगी से बिना किसी शोर शराबे के 14 दिसम्बर दिन गुरुवार को उपस्थित होकर पटना सिटी कोर्ट में नेहा वर्मा से कोर्ट मैरिज कर ली।वर्त्तमान में उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिला परिषद पश्चिमी चंपारण ,बेतिया के पद पर तैनात योगेंद्र सिटी अंचल के एसडीओ के पद पर तैनात रहे है। पिछले महीने एक नवम्बर को बतौर डीडीसी बेतिया में योगदान किया है। बेहद सादगी से वैवाहिक जीवन का शुभारंभ कर बेतिया डीडीसी ने समाज के सामने एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। अमूमन शादी ब्याह में लोगबाग खूब तड़क भड़क के साथ अपनी हैसियत से बढ़ कर खर्चा करते है।जिसका प्रभाव समाज मे फैले इस दहेज रूपी बुराई की जड़े और मजबूत करता है।लेकिन,अब बिहार सरकार ने इस बुराई को खत्म करने खातिर सामाजिक पहल की है। सूबे की सरकार की पहल को जमीनी हकीकत में तब्दील करने वाले अधिकारी अगर इस मुहिम को आत्मसात कर इसका पालन करते है तो इसका बेहद सकारात्म असर समाज पर पड़ेगा।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शब्दों का उल्लेख करे तो बापू कहा करते थे कि कोई भी काम अगर मैं स्वय नही कर सकता तो दूसरे को उसे करने या पालन करने खातिर कैसे कह सकता हूँ।शायद इसी मूल वाक्य को जेहन में रखते हुए युवा आईएएस योगेंद्र सिंह ने दहेज रहित और बेहद सादगी से ब्याह कर अपनी गृहस्थ जीवन की शुरुआत कर दी है।
मूल रूप से पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के हरदोई मल्लावां गाँव खेरवा पुरवावा के मूल निवासी इस युवा आईएएस ने दहेज रूपी सामाजिक बुराई को ना कहते हुए बेहद सादगी से महज 300 रुपये खर्च कर सिर्फ 5 लोगो की मौजूदगी में पटना सिटी कोर्ट में विवाह किया है।विदित हो कि 200 रुपये तो कोर्ट फीस के तौर पर चुकाए गए। वही बाकी पैसा फूल माला और उपास्थि गवाह और नवदम्पति का रस्म के तौर पर मुँह मीठा कराने में खर्च किये गए।
एक आईएएस द्वारा महज 5 लोगो की उपस्थित में बिना किसी तामझाम के मैरिज कोर्ट में महज कुछ कागजो पर हस्ताक्षर और एक दूसरे को माला पहनाकर शादी के अटूट बंधन में बध जाना नवविवाहित जोड़े की सोच के उच्च मापदंडों को परिलक्षित करता है। यह एक उदाहरण है कि किसी भी नई पहल या मुहिम या तय ढर्रे को छोड़ कर नई शुरुआत समाज के अगुआ करे तो उसका दूरगामी प्रभाव पड़ता है। साथ ही एक आईएएस एक शिक्षित समाजिक प्राणी के तौर पर सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वह कर ऊँचे मापदंड पेश करने की ललक भी योगेंद्र में झलकती है। जिसका नतीजा बेहद सादगी से एक बेहद उम्दा सामाजिक मुहिम को सार्थकता देते हुए योगेन्द्र का गृहस्थ आश्रम में प्रवेश इसको दर्शाता है। यह महज एक सादगी के संग सम्पन्न हुआ विवाह मात्र नही है बल्कि समाज और सूबे के लिए एक मिसाल है।खास कर बिहारी समाज के सामने एक बेहद उम्दा उदाहरण है। जहाँ शादी ब्याह में लड़की वालों को कर्ज़ा उधार लेकर भी वरपक्ष के नाजायज मांगों और बारात के तथाकथित रुतबे को हरहाल में न चाहते हुए भी पूरा करना पड़ता है।आईएएस योगेंद्र सिंह की शादी सूबे की सरकार के दहेज रहित शादी की मुहिम का सबसे उम्दा उदाहरण है। जहां एक आईएएस अफसर की अनूठी और बेहद सकारात्मक पहल का असर और प्रभाव सामाजिक बदलवा का द्योतक साबित होगा। साथ ही साथ सीएम नीतीश कुमार की सामाजिक सुधार की मुहिम के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होगा। आगाज़ हो चुका है युवा आईएएस ने एक मिसाल पेश कर दहेज रूपी दानव के खात्मे का शंखनाद कर दिया है।आइये, बतौर एक बिहारी एक सामाजिक प्राणी एक शिक्षित समाज के तौर पर दहेज रूप हमारी बहन-बेटियों को अनगिनत मुखों से निगलने वाले इस दानव को जड़ से उखाड़ फेंकने की मुहिम को मजबूत करे।
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