बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

बड़ी खबर -(वीडियो) राजद के पूर्व सांसद के संबंधी के स्कूल में मासूम छात्र पर बरपाया गया कहर,बंद कमरे की बेरहमी से की पिटाई,शरीर पर दिख रहे जख्म क्रूरता की कह रहे है कहानी 

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पटना Live डेस्क।अमूमन दबंगो द्वारा किसी की बेरहमी से पिटाई का मामला तो आपने बहुत सुना होगा या कई बार देखा भी होगा। लेकिन दबंगों द्वारा संचालित निजी स्कूल के शिक्षकों द्वारा नाबालिग बच्चों की बेरहमी से बन्द कमरे में पिटाई का मामला सामने आया है जो राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह निकट संबंधी और रिविलगंज के प्रखंड प्रमुख राहुल राज द्वारा संचालित विद्यालय का है।
जहां एक तरफ उच्च न्यायालय और सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को पीटना कानूनी अपराध माना जा रहा है,वहीं दूसरी तरफ इन सारे नियमों को ताक पर रखकर निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ अमानवीय मारपीट की घटनाएं सामने आती रही हैं।


ताजा मामला छपरा के एक बेहद प्रतिष्ठित स्कूल विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, मूकरेड़ा थाना रिविलगंज विद्यालय का है। जहां के शिक्षकों ने एक 11 वर्षीय मासूम को महज एक बेहद मामूली वजह से पीट पीट कर मानवता की सारी हदें लांघ दी हैं। सारण जिले के प्रतिष्ठित विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के क्लास 6 में पढ़ने वाला 11 वर्षीय विशाल कुमार को महज़ छोटी सी गलती खातिर शिक्षकों ने बेरहमी से इतनी पिटाई कर दी है कि मासूम छात्र अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल भी नही है। मिली जानकारी के अनुसार दाउदपुर थाना क्षेत्र के बारवां गांव निवासी सह नागालैंड में तैनात आर्मी के जवान राजीव कुमार सिंह के पुत्र विशाल स्कूल के शिक्षकों की बेरहम पिटाई के बाद पीड़ित छात्र अपने घर किसी तरह आया तो परिजन सदर अस्पताल लेकर आ गए ईलाज कराने। जहा उस मासूम के शरीर पर पड़े दाग शिक्षको की क्रूरता की चीख चीख कर गवाही दे रहे है।
घायल छात्र के परिजनों के अनुसार छात्र की सिर्फ इतनी ही गलती थी कि उसने विद्यालय की मनाही के बाद भी रिस्ट वाच पहनकर स्कूल चला गया था। फिर क्या था विद्यालय के 2 शिक्षक आग बबूला हो गए और उसे कमरे में बंद कर अपराधियों के जैसा थर्ड डिग्री टॉर्चर की हैं जो हम नही बल्कि तस्वीरें बयां कर रही है।
इस मासूम के अनुसार विद्यालय के 2 शिक्षक उसे कलाई घड़ी बांध देख आग बबूला हो गए और उसे एक कमरे में बंद कर जानवरों की तरह बेरहमी से पीटा। जिसकी तस्वीरें स्क्रीन पर आपको साफ-साफ दिखाई दे रहा है। छात्र के परिजनों के अनुसार 11 वर्षीय विशाल कुमार को अच्छी शिक्षा के लिए जिले के प्रतिष्ठित विद्यालय में नामांकन कराया गया जो वहां विगत 2 वर्षों से पढ़ रहा है।
लेकिन विद्यालय के शिक्षकों द्वारा इस तरह से मानवता की सारी हदें पार कर देना विद्यालय में शिक्षा दे रहे शिक्षक और प्रबंधन के ऊपर सवाल खड़ा करता है। क्या यही शिक्षा देने का उचित माध्यम है ?जहां एक मासूम बच्चे को पीट पीट के लहूलुहान कर दिया जाता है? भारतीय समाज में शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन इस तरह से शिक्षक का हैवान बन जाना कहीं ना कहीं मानवता के साथ कुठाराघात साबित हो रहा है।

 

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