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थानेदार पर गृह विभाग,डीजीपी,एसएसपी को कोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश

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रवीश कुमार,वरिय सहयोगी

पटना Live डेस्क। गोविंदा की अभिनित हिन्दी फिल्म “राजा बाबू ” में एक गीत चर्चित हुआ था।मैं चाहें ऐ करूँ ,मैं चाहें वो करूँ मेरी मर्जी। यह गीत पटना पुलिस पर पुरी तरह से मुफीद है। राजधानी पटना के थानेदारों का कुछ ऐसा ही हाल हैं वह अपने को सबसे ऊपर समझते हैं। प्रधान सचिव ,गृह विभाग ,डीजीपी एवं पटना केएसएसपी को निर्देश दिया गया हैं की थानेदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करें।
शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के पुनाईचक निवासी महिला स्वर्णलता उर्फ रिंकी ने बीते वर्ष 29 अक्टूबर को पटना के एसएसपी को लिखित आवेदन दे शिकायत की थीं की मेरा पति,पालीगंज थाना क्षेत्र के अंकुरी गांव निवासी चंदन कुमार मारपीट करता हैं और अश्लील वीडियो बनाकर वेबसाइट पर अपलोड करने की धमकी देता हैं एवं दहेज के लिए अक्सर पड़तारित करता हैं ।
एसएसपी पटना के आदेश पर पालीगंज थाने में कांड संख्या 203 /16 ,दिनांक 3 नवंबर 2016 ,धारा 498 (ए) ,3/4 दहेज उत्पीड़न एवं 67/67(ए) आईटी एक्ट के तहत दर्ज की जाती हैं । इस मामले में पति चंदन कुमार एवं सास, ससुर को नामजद अभियुक्त बनाया जाता हैं। फरार रहने के स्थिति में आरोपी चंदन कुमार को पालीगंज पुलिस ने दिनांक 10 -05 -2017 को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। जेल में बंद आरोपी चंदन कुमार ने नियमित जमानत के लिए दानापुर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -प्रथम में बीपी नंबर 476 /2017 फाइल किया। बचाव पक्ष के वकील अमोद कुमार के बहस के बाद न्यायाधीश समपूर्णानंद तिवारी ने केस डायरी की मांग लेटर संख्या -645 दिनांक 25 मई 2017 को पालीगंज थाने से की। केस डायरी नहीं आने पर कोर्ट ने पुनः अपने पत्रांक 692 ,दिनांक 6 जून 2017 को किया लेकिन केस डायरी कोर्ट में नहीं पहुंची। फिर कोर्ट ने पत्रांक 708 ,दिनांक 9 जून 2017 को एसएसपी,पटना को लेटर भेज उचित माध्यम से डायरी की मांग पालीगंज पुलिस से की लेकिन केस डायरी नहीं पहुंची।
कोर्ट ने इसे कानून का अवहेलना करने एवं जेल में बंद आरोपी के अधिकार को हनन मानते हुये संबंधित पालीगंज थानेदार को प्रथम दृष्टा में दोषी पाया। कोर्ट ने अपने पत्रांक -748 ,दिनांक -17 जून 2017 को एसएसपी पटना को पत्र भेज पालीगंज के थानेदार सुबोध कुमार सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया हैं वहीं न्यायाधीश सम्पूर्णानंद ने पत्रांक-747 एवं 749 के माध्यम से डीजीपी एवं प्रधान सचिव ,गृह विभाग को पत्र भेजकर आरोपी इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया हैं।
एसएसपी मनु महाराज ने कहा की कोर्ट का सम्मान किया जाता है। जांच कर कार्रवाई की जायेगी। अधिवक्ता अमोद कुमार ने बताया की इतना कुछ होने के बाद भी कोर्ट में डायरी नहीं पहुंचना पालीगंज थाना प्रभारी के अनुशासनहिनता को दर्शाता हैं।

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